SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्वाधीनता। जिस महापुरुषका यह जीवनचरित है, उसीके लिखे हुए सुप्रसिद्ध ग्रन्थ 'लिबर्टी' के हिन्दी अनुवादका दूसरा संस्करण छपकर तैयार है। यह अनुवाद सरस्वतीके सम्मादक और हिन्दी के धुरन्धर लेखक पं० महावीरप्रसादजी द्विवेदीका किया हुआ है, इस कारण बहुत ही सरल तथा सुगम है । इस समय जब देशमें चारों और स्वतन्त्रता स्वाधीनता और स्वराज्य की धूम मची हुई है, तब इस ग्रन्थका जितना अधिक प्रचार हो उतना ही अच्छा है । इसको पढ़े बिना 'स्वाधीनता' का वास्तविक अर्थ और उपयोग समझमें नहीं आ सकता। प्रत्येक विचारशील मनुष्यको इस ग्रन्थका स्वाध्याय करना चाहिए और इसके विचारोंका प्रचार करना चाहिए। छपाई और कागज बढ़िया । मूल्य २) सजिल्दका २॥) मिलके अन्य ग्रन्थ । १ स्त्रियोंकी पराधीनता-अनुवादक पं० ऋषीश्वरनाथ भट्ट बी० ए०) २ प्रतिनिधि शासन-काशीका छपा हुआ । मूल्य. २॥) मिलनेका पताहिन्दी-ग्रन्थ-रत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो० गिरगांव, बम्बई ।
SR No.010689
Book TitleJohn Stuart Mil Jivan Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1921
Total Pages84
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy