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________________ धवल ज्ञान-धारा ७ मरपर केशरी प्रवर्तक मुनिश्री मिश्रीमल जी महाराज प्रवचन माला, पुष्प : प्रवचन : पृष्ठ संत्या प्लास्टिक कवर युक्त २० ३४४ PAHAL ST KAL POVEER Virava मूल्य - ५)रु० -- प्रकाशन वर्ष : -- वि०सं० २०२६ माघ पूर्णिमा धवल ज्ञान-धारा-नाम से ही यह ध्वनित होता है कि इन प्रवचनों का मुख्य विपय ज्ञान की शुभ्र-निर्मल धारा ही है । स्वभाव-रमण, आत्म-सिद्धि, समाधि प्राप्त करने का साधन, ऊर्ध्व मुखी चिंतन, आज के बुद्धिवादी, कर्मयोग, समन्वयवाद जैसे ज्ञान-प्रधान विषयों पर गुरुदेव का सूक्ष्म एव तर्क पूर्ण चिंतन इन प्रवचनों में स्पष्ट झलकता है । ये प्रवचन भी जोधपुर चातुर्मास मे संकलित किये गये हैं। इन प्रवचनों में कही-कही ऐतिहासिक दृष्टात एवं लोककथाएं बड़ी रोचक शैली में आई हैं। मनुष्य जीवन मे ज्ञान का महत्व, ज्ञान प्राप्ति के उपाय मादि विषयं भी प्रस्तुत पुस्तक मे बहुत सुन्दर ढंग से प्रतिपादित किये गये हैं ।
SR No.010688
Book TitlePravachan Sudha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimalmuni
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year
Total Pages414
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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