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________________ श्री मरुधरकेसरी जी म० का प्रवचन-साहित्य 1 जीवन-ज्योति प्रवचन माला पुष्प ३ ' प्रवचन १४ पृष्ठ सख्या : ३२४ प्रवचन प्लास्टिक कवरयुक्त मूल्य : ५) रु. प्रकाशन वर्ष वि०स० २०२३ पौष कृष्णा प्रतिपदा प्रतिकार ਸਬਦੁ ਵੈੱਬ ਦੀ ਦੀ मुनि श्री मिश्रीमल जी 'जीवन ज्योति' सचमुच मे जीवन को ज्योतिर्मय वनानेवाले और आत्म ज्योति को, प्रज्वलित करने वाले महत्वपूर्ण प्रवचनो का सकलन है। इन प्रवचनो मे श्रद्धेय गुरुदेव की वाणी का म्बर-जीवन-स्पर्शी रहा है । जीवन का रहस्य समझाकर मनुष्य को अपना मूल्याकन करने की प्रेरणा दी गई है। असली और नकली आभूषणों का अन्तर बताकर असली आभूषण, सत्य, दया, प्रेम, परोपकार आदि से जीवन को अलकृत करके जन से सज्जन और सज्जन से महाजन बनने का महत्व पूर्ण घोप इन प्रवचनो मे मुखरित हो रहा है। प्रवचना की भापा बडी सरल है, प्रवाह पूर्ण है। विपय सीधा हृदय को छूता है । ये प्रवचन जोधपुर (वि० सं० २०२७) के चातुर्माय म श्रावण महीने म दिये गने हैं। अनेक पत्र पनिकालो व विद्वानो ने और सत-प्रवरो ने पुस्तक की भूरिभूरि प्रशसा की है और सग्रणीय बताई है।
SR No.010688
Book TitlePravachan Sudha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimalmuni
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year
Total Pages414
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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