SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 64
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - नेमिनाहचरिउ । [५५० दुहय-ससहरु दइय-दिणइंदु फल-भार-भज्जिर-वइरि हरिय-वल्ल-वितागि-फल-भरु । कप्पासिय-तूयरिहिं कुसुम-पसर-संहार-दुह-यरु ।। लोध्र-पियंगु-पसूण-भर- रय-रंजविय-दसासु । कुंद-कलिय-मालइ-कुसुम- हरिसु वियासिय-कासु ॥ [५५१] सयय-निवडिर-तुहिण-कंपंतवज्जत-दंतावलिहिं विहिय-वाहु-संबंध-हिययहं । सुहि-सज्जण-विरहियहं धण-समिद्धि-कंखियहं पहियहं ॥ सिसिरु हयासु दहावणउ किह कुसलावहु होइ । ठायहं ठाणंतरि मुंहिउ जहिं संच ॥ . . (५५२] इय विचिंतिरु फुरिय-संतावु सिरि-सूर-निवंगरुहु वमुह-वीढि आ-वरिसु हिंडिउ । न य स-चयण-परिविहिय- निय-पइण्ण-लोविण विहंडिउ ॥ अह पुवज्जिय-मुकय कय- दाहिण-नयण-प्फंदु । कुमरु महिंदस्सीहु लहु . पसरिय-गरुयाणंदु ॥ [५५३] कमिण पुणरवि पत्ति जय-जंतुतोस-यरि वसंत-महि- गहिय-विह वि सहयार-तरुवरि । विप्फुरिइहिं परहुइहिं मलय-अणिलि उवलद्ध-अवसरि ।। अलि-उल-झंकारारविहिं वोहिज्जति अणंगि । दुगुणिय-पह-उच्छाह-गुणु हुयउ सूर-सुउ अंगि॥ .. . ५५३. ६. क. उवलद्धि.
SR No.010685
Book TitleSantukumar Chariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages197
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy