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________________ - N २१५ ११५ o १९७ - 1 0 पृष्ठाकाः पृष्ठाङ्काः कुमुदवनमप (टी.) ... ... १० | क्षितिं खनन्तो (टी.) ... ... १३१ कुरङ्गीवाङ्गानि ... २४९ क्षितिविजित (टी.) ... कुरु लालस भू ... २२८ क्षितिस्थिति (टी.) ... कुलवालिया ए ... ३०१ | क्षिप्तो हस्ताव ... ... कुलममलिनं (टी.) २६ क्षीणः क्षीणोऽपि (टी.)... कुललालिलाव (टी.) २२९ क्षुद्रः कथा मन्थ (टी.) ... कुविन्दस्त्वं ता ... १६८ क्षुद्रः कोऽयं तप (टी.)... कुसुमसौरभ ... २८९ क्षेमः स्तोमो (टी.) कुसुमायुधप (टी.) ३३७ खमिव जलं ... १५२ कृच्छ्रणोरुयु (टी.) १०४ | खं येऽभ्युज्जल ... ४३ कृतककुपि (टी.) १७८ खं वस्ते कलवि (टी.) कृतवानसि ... | खरेण खण्डिता... कृतो दूरादेव ... ३१५ खर्जूरजम्बू (टी) कृष्णार्जुनरक्त | खाद्यो द्यग्नि (टी.) कृष्णेनाम्ब ख्यातिकल्पन (टी.) केदार एव (टी.) | गगनगमनलीला (टी.) केनेमौ दुर्वि | गङ्गातीरे हिम ... केलिकन्दलि ... | गजादीनां गतिं... कैलाशगौरं (टी.) १४ | गजो नगः कुथा... २५१ कोपात्कोमल २१ | गन्तव्यं यदि ना (टी.)... कोपान्मानिनि (टी.) ___९ गर्भग्रन्थिषु (टी.)... कोऽयं द्वारि ह ... | गर्भनिर्भिन्न ... कोराविऊण ... १८६ गर्भ वलाकासु (टी.) कोऽलंकारः स ... ... २८७ | गर्वमसंवाह्य ... ... ... २६८ कौटिल्यं कच ... ... ... २८७ | गाढालिङ्गन ... ... ... क्रीडन्ति प्रसर ... २३३ / गाढालिङ्गन ___ ... ... ... ... १४० क्रोधं प्रभो सं (टी.) | गाढालिङ्गन ... क्रौञ्चाद्रिरुद्दाम २७० | गाम्भीर्यमहिमा ... २४२ क्वचिदने प्रसर ... गाहन्तां महिषा (टी.) २०० क सूर्यप्रभवो २५३ गिरिरयमपरे (टी.) ... कायं शशल गुणतः प्रागुपन्य (टी.)... क्षणं कामज्व ... ... ... २४१ गुणानामेव दौ ... ... ... २५३ क्षणं स्थिता प (टी.) ... ... १९६ / गुणानुरागमिश्रे (टी.) ... ... १२ ::::::::::::::::::::::::::::::: : : m ::::::::::::::::::::::::: : : : १३४ mm - १२५ गाना २० - m
SR No.010673
Book TitleKavyanushasanam Satikam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Sharma
PublisherKashinath Sharma
Publication Year1901
Total Pages376
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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