SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 359
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १५१ ३०४ २९६ ७० . २६९ १२९ .. ११९ पृष्ठाङ्काः उत्तिष्ठन्त्या रता... ... ३१४ उषःसु वधुरा (टी.) ... ... उत्पश्मणो... ... १०० ऊरुद्वन्द्वं सरस (टी.) ... उत्पत्तिर्जमद ... ऊरुद्वयं कद (टी.)... उत्पादकः क (टी.) १० | ऊर्ध्वाक्षिताप (टी.) उत्फुल्लकमल ... ऋजुतां नय ... ... उत्सित्तस्य तपः... ८६ एकत्तो रुअइ (टी.) ... उदयति वित ... | एकत्रासनसंग ... ... उदान्वच्छिन्ना ... १५१ | एकस्त्रिधा वससि (टी.)... टा.)... ... उदाररचना (टी.) २०९ | एकस्मिञ्शयने ... ... उदितो रसा ... एकस्यामेव तनौ... ... उदीच्यचण्डा (टी.) एकं ज्योतिर्दृशौ (टी.)... उद्दण्डोदर (टी.) एकं ध्याननि (टी.) ... उद्दामोत्कलिकां ... | एण्यःस्थलीषु (टी.) ... ... उद्देशोऽयं... .., ३६ | एतत्सुन्दरि (टी.) उद्धतपुरुषप्रा ... ३२१ एतास्ता मल (टी.) उद्धृतैनिभृत ... | एतां पश्य पु ... उद्भि ही च सं (टी.) ५ एतेनाक्ष्णा प्रवि (टी.) ... उद्भेदस्तस्य ... ३३५ एते लक्ष्मण ... ... उद्यता जयि ... १४५ एते वयममी दा (टी.) ... उद्ययौ दीर्घिका... १६४ एते वयममी दा (टी.) .. उद्यानानां (टी.) १३२ | एहमित्तत्थ ... ... ... उन्नतः प्रो ... ४२ / एमे जाणाति (टी.) उन्मजन्मकर ... ... १३७ एवमालि नि ... ... ..... उपपन्नं ननु (टी.) १७७ | एवं वादिनि ... उपरि घनं २५२ एष ब्रह्मा (टी.) उपपरिसरं १८९ | एसो वि ण स ... उप्पह जायाए (टी.) .... २५९ | एहि गच्छ ... उपशमफला (टी.) ४ | एह्येहि वत्स (टी.) ... उपानयन्ती (टी.) १३१ | ऐरावणं स्पृ ... उपोढरागेण ... २७४ | औत्सुक्यगर्भा (टी.) उभौ यदि व्यो ... २४७ | औत्सुक्येन कृ ... उरसि निहित ... ३०८ | कः कः कुत्र ... उर्वशीहाप्सराः (टी.) ... ... . ५ | कण्ठाश्लेषं... (टी.) ::::::::::::::::::::::::: ३०३ / एता २९७ ::::::::::::::::::::::::::::::::: ११९ ४० १५० ८८ ० १ २६६ ११६ १ ::::::: २५७ २६० १११ १४६ mm
SR No.010673
Book TitleKavyanushasanam Satikam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Sharma
PublisherKashinath Sharma
Publication Year1901
Total Pages376
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy