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________________ XXII Pandit Jugal Kishor Mukhtar "Yugveer" Personality and Achievements परिशिष्ट 1. संगोष्ठी के विषय में विद्वानों के अभिमत 1. संगोष्ठी के विषय में विद्वानों के अभिमत (पं. जुगलकिशोर मुख्तार : व्यक्तित्व एवं कृतित्व संगोष्ठी एवं पूज्य 108 उपाध्याय श्री ज्ञानसागर जी महाराज के सम्बन्ध में विद्वानों के विचार) कस्तूर चन्द्र 'सुमन' प्रभारी, जैन विद्या संस्थान, श्री महावीर जी (करौली) राजस्थान समर्पण भाव से जैनधर्म और जैन साहित्य के सेवक सरस्वती पुत्रों का सामाजिक अभिनन्दन और अतीत में हुए श्रेष्ठ मनीषियों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर गोष्ठियों का आयोजन वर्तमान में ऐसे कार्य हैं जिनकी अत्यन्त आवश्यकता है। तीर्थक्षेत्र तिजारा में दोनों कार्यों का आयोजन देखकर और उसकी सफलता पर अतीव प्रसन्नता है। आयोजक डॉ. शीतलचन्द्र जैन जहाँ एक ओर बधाई के पात्र हैं, दूसरी ओर पूज्य १०८ पूज्य उपाध्याय ज्ञानसागर जी महाराज की सूझ-बूझ भी स्तुत्य है। विद्वानों को सम्मान देकर उनसे काम कराने की मुनिश्री में अद्भुत क्षमता है। वे सरस्वती पुत्रों के संरक्षक हैं। दर्शन - ज्ञान और चारित्र के अनुयायी उपाध्याय श्री अभीक्ष्णज्ञानोपयोगी हैं। डॉ. जिनेश्वरदास जैन A2, श्रीजी नगर, दुर्गापुरा जयपुर-302018, फोन : 554270 संगोष्ठी के लिए पं. जुगलकिशोर जी मुख्तार जैसे व्यक्ति को चुना, ये संगोष्ठी के आयोजकों की सूझबूझ का द्योतक है। तिजारा जैसे अतिशय क्षेत्र और मुनिश्री ज्ञानसागर जी महाराज का सान्निध्य मिलने से इस संगोष्ठी में चार चांद लग गये हैं 1 इसके लिए संयोजकों को साधुवाद। निर्मलकुमार 'शास्त्री ' श्री दि. जैन आ. संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर - 3 (राज.)
SR No.010670
Book TitleJugalkishor Mukhtar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalchandra Jain, Rushabhchand Jain, Shobhalal Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year2003
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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