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________________ 216 Pandit Jugal Kishor Mukhtar Yugveer Personality and Achievements सामान्यतः मुनि का पद श्रावक से ऊँचा होता है परन्तु सम्यक्दर्शन से सहित श्रावक सम्यक्दर्शन से रहित मुनि से ऊँचा है। लगभग 5 प्रसंगों के क्षेपकों द्वारा इस मत को सुस्पष्ट किया। जैसे- मोक्खपाहुड समाधितंत्र, विवेकविलास (श्वेताम्बर ग्रन्थ) आदि। भाष्य की अन्य विशेषताएं: (5) मूल ग्रन्थ के मर्म का उद्घाटन और उसके पदवाक्यों का स्पष्टीकरण भाष्यकार ने मूल मंगलाचरण पर लगभग 13 पृष्ठों में व्याख्या लिखकर भाष्यकार के ईमानदार होने के गुण का निर्वाहन करते हुए मंगलाचरण के भावों का स्पष्टीकरण दिया। 'प्रसाद' गुण की अनिवार्यता का निर्वाहन करते हुए भाषामें प्रवाह और सम्प्रेषणीयता बनाये रखी। ____ अनेक ग्रन्थों के सन्दर्भ देकर आपने 'श्री वर्धमानाय' पद का विग्रह अर्थ करते हुए श्री पद को विशेषण रूप ही माना। नाम केवल वर्द्धमान' ही है- 'श्री वर्धमान' नहीं। कल्पसूत्र, उत्तरपुराण प्रवचनसार, विश्वलोचन, स्वयंभूस्तोत्र, युक्त्यनुशासन आदि ग्रन्थों के सन्दर्भ देकर उसकी पुष्टि की। उन्होंने तर्क-शैली में वर्द्धमानस्वामी को आप्त की तीनों विशेषताओं से युक्त सिद्ध किया, वे हैं- सर्वज्ञ, वीतरागी और हितोपदेशी। (6) इस ग्रन्थ का कौन-सा शब्द इसी ग्रन्थ में तथा समन्तभद्र स्वामी के अन्य ग्रन्थों में वे ही शब्द किन-किन अर्थों में प्रयुक्त हुए हैं इसकी गवेषणात्मक व्याख्या इस भाष्य में दी गई है। इसके साथ शब्दों के अर्थ के यथार्थ का भी निश्चय किया गया। जैसे-एक शब्द आज रूप अर्थ में प्रयुक्त होता है, परन्तु आज से दो हजार वर्ष पूर्व वह अर्थ प्रयुक्त न होता हो? यदि आज के रूढ़ अर्थ में उसका अनुवाद लिखा जावे तो ठीक नहीं है। पाखण्ड का रूप अर्थ है धूर्त (कपटी) परन्तु स्वामी समन्तभद्र ने 'पापं खंडयतीति पांखडी' पाप के खण्डन करने के लिए प्रवृत्त हुए तपस्वी/साधुओं के लिए किया था। इसका समर्थन कुन्दकुन्द स्वामी ने समयसार में किया"पाखण्डिय लिंगाणि य गिहालिंगाणी य वहुप्पयाराणि"॥ 438 ॥ पाखण्डी लिंग को अनगार-साधुओं का लिंग बताया है।
SR No.010670
Book TitleJugalkishor Mukhtar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalchandra Jain, Rushabhchand Jain, Shobhalal Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year2003
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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