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________________ 171 - - - प जुगलकिशोर मुख्तार "चुगवीर" व्यक्तित्व एवं कृतित्व साहित्य के चितेरे, कुशलशिल्पी मुख्तार साहब को प्राप्तकर यह बीसवीं शताब्दी निश्चित ही गर्व का अनुभव करती होगी। ऐसे कुशल साहित्यकार ने केवल जैन वाङ्मय की ही नहीं, अपितु प्रत्येक क्षेत्र में महारथ हासिल की। जैनजगत् व साहित्यजगत् आपके इस उपकार के लिये सदैव त्रणी रहेगा। सन्दर्भ १. 'पं जुगलकिशोर व्यक्तित्व और कृतत्त्व' पृ. 06 डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्र 1968. २. पं जुगलकिशोर व्यक्तित्व और कर्तत्त्व - डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्र. 1968 पृ.सं.- 16. ३ वही, पृ. सं 28-29. ४ युगवीर भारती-समन्तभद्रस्तोत्र, छंद-1, पृ सं 103. ५. रत्नकरण्ड श्रावकाचार-आ समन्तभद्र - श्लोक - 1, पृ. सं 1 ६. युगवीर भारती, समन्तभद्र स्तोत्र, छंद - 2 पृ.सं - 103 ७. वही, छंद-5, पृ.सं - 104 ८. वही, छंद-6,प.सं.- 105 ९ युगवीर भारती, समन्तभद्र स्तोत्र, छद-10, पृ. सं. - 106. १०. वही, छंद-2,3 ११. वही, मदीया द्रव्य पूजा, छंद-1, पृ. स. - 109. १२ युगवीर भारती, वीर जिन स्तवन - श्लोक - 1 पृ सं. 101. १३. पं. जुगल किशोर व्यक्तित्व और कृत्तित्व, डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री पृ. सं. 26 १४. युगवीर भारती, अमृतचन्द्र सूरि स्तुति श्लोक-1, पृ. सं. - 108 १५. वही, जैन आदर्श श्लोक 2,3,4 पृ.सं. - 110. १६. मेरी भावना - पं जुगलकिशोर 'मुखार' कृत छन्द - 1. १७. युगवीर भारती, जैन आदर्श - छंद - 6, पृ.सं - 110 १८. मेरी भावना - पं. जुगलकिशोर 'मुख्तार'कृत १९. युगवीर भारती, जैन आदर्श छंद - 1पृ. सं. 110 २०. युगवीर भारती, लोक में सुखी - छंद - 1, सं.- 112 २१. पं. जुगलकिशोर व्यक्तित्व और कर्तृत्व पृ.सं. 79 २२. वही पृ.सं. 80.
SR No.010670
Book TitleJugalkishor Mukhtar Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalchandra Jain, Rushabhchand Jain, Shobhalal Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year2003
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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