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________________ १७ अपमान या अत्याचार ? कल शुक्रवारको, कोई पहर रात गये खुली छत के मध्यमे शय्या पर लेटा हुआ, मै स्त्रियोकी पराधीनता और उनके साथ पुरुषजातिने जो अब तक सलूक किया है उसका गहरा विचार कर रहा था । एकाएक शीतल-मन्द-सुगन्ध पवनके झोकोने मुझे निद्रादेवीकी गोदमे पहुँचा दिया और इस तरह मेरा वह सूक्ष्म विचारचक्र कुछ देर के लिये बद हो गया । निद्रादेवीके श्राश्रयमे पहुँचते ही अच्छे अच्छे सुन्दर और सुमनोहर स्वप्नोने मुझे आ घेरा । उस स्वप्नावस्थामे मै क्या देखता हूँ कि, एक प्रौढा स्त्री, जिसके चेहरेसे तेज छिटक रहा है और जो अपने रग-रूप, वेष-भूषा तथा बोल-चालसे यह प्रकट कर रही है कि वह 'अखिल भारतीय महिला महासभा के सभापति के आसन पर सीन होकर आ रही है, अपनी कुछ सखियो के साथ मुझसे मिलनेके लिये आई। अभी कुशलप्रश्न भी पूरी तौरसे समाप्त नही हो पाया था कि उस महिलारत्नने एकदम बडी ही सतर्क - भाषामे मुझसे यह प्रश्न किया कि आप लोग स्त्रियोसे घूँघट निकलवाते हो - उन्हे पर्दा करनेके लिये मजबूर करते हो - इसका क्या कारण है ?" मैं इस विलक्षरण प्रश्नको सुनकर कुछ चौंक उठा और उत्तर
SR No.010664
Book TitleYugveer Nibandhavali Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1963
Total Pages485
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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