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________________ ३४॥ कनेः कोचिद-थ ॥ ४१०॥ कनेरीनकः ॥ ७३ ॥ कनेरीशातः ।। ५३४ ॥ कन्देः कुन्दच ॥ ८१८॥ कपटकीकटादयः ॥ १४४ ॥ कपाट विराट-यः ॥ १४८॥ कपोट वकोटा-यः ॥ १६१ ॥ कफादीरेलच ॥ ८३९ ॥ करोतः च ॥ २१७॥ कमिजनिभ्यां बूः ॥ ८४७ ॥ कमितमिशमिभ्योडित् ॥ १० ॥ कमितिमेर्दोऽन्तश्च ॥ ५४॥ कमि गार्तिभ्यस्थः ॥ २२५ ॥ कमिवमिजमि-णित् ॥ ६१८॥ कमरत उच॥ ४०९॥ कम्यमिभ्यां युः ॥ ७९९ ॥ करारुः ॥ ८१३ ॥ कलिकुलिभ्यांमासक् ॥ ५८४ ॥ कालिगलेरस्योच ॥ ३१५॥ कलेः किल्वच ॥ ५५१॥ कलेरविकः ॥६५॥ कलेरापः ॥ ३०८॥ कलेमपः ॥ ५६२ ॥ कलेष्टित ॥ ५३२ ॥ कल्यनिमहि-इलः ॥ ४८१ ॥ कल्यालपुलि-इन्दक् ॥ २४६ ॥ कल्यविमदि-ऽचः ॥ ११४॥ कल्याणपर्याणादयः १९३ ॥ कशेर्मोऽन्तश्च ॥ ४२० ॥ कपर्डित ॥ २२४ ॥ कपेण्डच्छौ च पः ॥ ८३१॥ कसिपद्यादिभ्योणित् ॥ ८३५ ॥ कसेरलादिरिचास्य ॥ ३६८ ॥ कस्यर्तिभ्यामिपुत् ॥ ७९८ ॥ काकुसिभ्याकुम्भः ॥ ३३७॥ काच्छीङोडेरूः ॥ ८५१॥ कायः किरिचवा ॥ ६२३ ॥ कावावीक्रीश्रि-णिः ॥ ६३४॥ किच ॥१०॥ कितिकुडि-कित् ॥ ५१८॥ कितोगेच ॥ ५८७॥ किमः श्रोणित् ॥ ७२५ ॥ किरः पच ॥ ७५१॥ किरोऽङ्कोरोलश्चवा ॥ ६२॥ किरोलश्चवा ॥ १४७॥ किलिपिलिपिशि-भ्यः ॥ ६०८ ॥ किलेः कित् ।। ५७५ ॥ किवृभ्यः करः ॥ ४३५॥ कीचकपेचक-यः ॥ ३३ ॥ कुकः कोऽन्तश्च ॥ ३३४ ॥ कुगुपतिकथि-केरः ॥ ४३१॥ कुगुवलि-रयः ॥ ३६५ ॥ कुगुहुनी-कित् ॥ १७ ॥ कुच्योनोंऽन्तश्च ॥ ६५२॥ कुटिकुलि-इश्चक् ॥ १२३ ॥ कुटेरजः ॥ १३०॥ कुहिवेष्टि-इमः ।। ३४९ ॥ va.MEANMALVice-PACITY
SR No.010659
Book TitleHaimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1131
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size78 MB
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