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[ क्यामखां रासा - परिशिष्ट
जनमें
दीवांए ।
सोलहस कईसमें । कीये ऊजले क्यामखां । चकवै
चौहांए ||
परवांए ।
संवत हुवा तियासिया । लेखै बैकुंठ पहुंचे अलिफखां । छड्ड दीया जहांए ॥ १०० ॥ ॥ इति श्री दीवान लिफखांकी पैड़ी संपूर्ण ॥
सम (मा) प्ता । अथ संवत् १७१६ मिती कातिक बदी ११ सनीसरवार । तारीख २३ मा० मुहरंम सन् १०७० लिखाइतं पठनार्थ फतेहचंद लिखंत भीखा ॥
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