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________________ ६८ २५३ २५७ सप्ततिकाप्रकरण गाथा विषय । योगोंकी अपेक्षा उदयस्थानोंका विचार । २५०--२५१ उपयोगांकी अपेक्षा उदयस्थानोंका कोष्ठक २५२ उपयोगोंकी अपेक्षा पदवृन्दोंका विचार उपयोगोंकी अपेक्षा पदवृन्दोंका कोष्ठक २५४ लेश्याओंकी अपेक्षा उदयस्थानोंका विचार २५५ लेश्याओंकी अपेक्षा उदयस्थानोंका कोष्ठक' २५६ पदवृन्दोंका विचार , कोष्ठक २५८ १८ गुणस्थानों में मोहनीयके सत्त्वस्थान २५९-२६० गुणस्थानोंमें मोहनीयके बन्धादिस्थानोंके संवेधभंगोंका विचार २६०-२६२ ४९-५० गुणस्थानोंमें नामकर्मके बन्धादिस्थानोंका विचार २६२ मिथ्यात्वमें नामकर्मके बन्धादिस्थान व संवेधभंग २६३-२७० मिथ्यात्वमें नामकर्मके संवेधभंगोंका कोष्ठक २७१-२७२ सास्वादनमें नामकर्मके बन्धादिस्थान व संवेध भंग २७३--२७७ सास्वादनमें नामकर्मके संवेधभंगोंका कोष्ठक २७८
SR No.010639
Book TitleSaptatikaprakaran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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