SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 70
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६४ गाथा विषय १५-१७ बन्धस्थानों में उदयस्थानोंका निर्देश • सप्ततिका प्रकरण 2 1 मिवृयादृष्टि गुणस्थानमें अनन्तानुबन्धीके उदयसे रहित उदयस्थान कैसे सम्भव है इसका निर्देश ८०-८१ श्रेणिगत और अश्रेणिगत सास्वादन सम्यग्दृष्टिका विशेष खुलासा अनन्तानुबन्धीका उदय हुए विना सास्वादन गुणस्थान नहीं होता इसका निर्देश १९ पदसंख्या. पृष्ठ ७८-९४ दो प्रकृतिक उदयस्थान में भंगों के मतभेदकी चर्चा १८ मोहनीय कर्मके उदयस्थानोंके भंग १९ उदयस्थानोंके कुल भंगों की संख्या 'वन्धस्थान व उदयस्थानोंके सवेन मंगोंका कोष्ठक - कोष्ठक २३ मोहनीयके बन्धादि स्थानों का निर्देश : करनेवाली उपसंहार गाथा ८३-८४ ८५-८६ ९२ ९४-९७ ९८ ९९ २० उदयस्थान व पदसंख्या उदयस्थानोंका काल १०३-१०६ २१-२२ सप्तास्थानोंके साथ बंधस्थानों का संवेधनिरूपण १०७-१२१ मोहनीयके बन्ध, उदय और सत्तास्थानों के भंगों का ज्ञापक कोष्ठक १००-१०१ १०१ १०२ · १२२ १२३.
SR No.010639
Book TitleSaptatikaprakaran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy