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________________ इन्द्रियमार्गणामे नामकर्मके सवेध भग ३१३ विकलेन्द्रियोमें २३ का वन्ध करनेवाले जीवोके २१ और २६ के उदयमे पाँच-पाँच सत्तास्थान होते हैं। तथा शेष चार उदयस्थानोमेंसे प्रत्येकमे ७८ के विना चार-चार सत्तास्थान होते हैं। इस प्रकार २३ प्रकृतिक बन्धस्थानमे २६ सत्तास्थान हुए। इसी प्रकार २५, २६, २६ और ३० इन बन्धस्थानोमें भी अपनेअपने उदयस्थानोकी अपेक्षा छब्बीस-छब्बीस सत्तास्थान होते है। इस प्रकार विकेन्द्रियोके १३० सत्तास्थान होते हैं। विकलेन्द्रियोमेंसे प्रत्येकमे बन्ध, उदय और सत्तास्थानोंके सवेधका ज्ञापक कोष्ठक [५३ ] - बंधस्थान | भग उव्यस्थान | भग - - et aduwa.cjo www.. सत्तास्थान | २, ८८,८०,८०,७४ ६२, ८८, ८६,८०,७८ ६२ ८८,८६,८० ८८, ८६,८० ८६८० ६२,८८ ८६,८० ८६, ८०,७८ ८६, ८०, ७८ - - se BUFFFFFFFE
SR No.010639
Book TitleSaptatikaprakaran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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