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________________ लेश्याओमें भगविचार २५५ अब लेश्याओसे गुणित करने पर उदयस्थान विकल्प कितने होते हैं इसका विचार करते हैं मिथ्यात्वसे लेकर अविरतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान तक प्रत्येक स्थानमें छहो लेश्याएं हैं। देशविरत आदि तीन गुणस्थानोंमें तीन शुभ लेश्याएँ हैं। तथा मिथ्यात्व आदि किस गुणस्थानमें कितने चौबीसी होती है यह पहले वतला हो आये हैं तदनुसार मिथ्यात्वमे ८ सास्वादन में ४ मिश्रमे ४ और अविरत सम्यग्दृष्टि में ८ चौबीसी हुई जिनका जोड २४ हुआ। अव इन्हें ६ से गुणित कर देन पर १४४ हुए । देशविरतमे ८ प्रमत्तमें ८ और अप्रमत्तमें ८ चौबीसी हैं जिनका जोड़ २४ हुआ। अब इन्हे इसे गुणित कर देने पर ७२ हुए । तथा अपूर्वकरण ४ चौबीसी हैं। किन्तु यहाँ एक ही लेश्या है अत ४ ही प्राप्त हुए । तथा इन सवका जोड़ २२० हुआ। अव इन्हें २४ से गुणित कर देने पर, आठ गुणम्थानोके कुल उदयस्थान विकल्प ५२८० होते है। तदनन्तर इनमें दो प्रकृतिक उदयस्थानके १२ और एक प्रकृतिक उदयस्थानके ५ इस प्रकार १७ भंगोंके मिला देने पर कुल उदयस्थान विकल्प ५२६७ होते है। ये लेश्याओकी अपेक्षा उदयस्थान विकल्प कहे। (१) गोम्मटसार कर्मकाण्डमें लेश्याओं की अपेक्षा उदयविकल्प ५२९७ और पदबन्द ३८२३७ बतलाये हैं।
SR No.010639
Book TitleSaptatikaprakaran
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages487
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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