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________________ आन्दोलन है। अत. इसमे काम करने वाले कार्यकर्ताओ का नैतिक होना अत्यन्त आवश्यक है। यह कोई आर्थिक आन्दोलन नही है कि जिससे इसकी आड मे कोई अपना आर्थिक हित-साधन कर सके । यह तो जगने और जगाने का आन्दोलन है । इसीलिए कोई भी व्यक्ति नि स्वार्थ सहयोग करे तो हम उसका हृदय से स्वागत करते हैं । यहाँ गरीब और अमीर का प्रश्न नहीं है । प्रश्न है लगन और परिश्रम का जो व्यक्ति परिश्रम करे उसके लिए आन्दोलन का द्वार सदा खुला पडा है। मैं नहीं चाहता कि इसमे काम करने वाले कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यों को छोडकर आएं। वल्कि मैं तो यह चाहता हूँ कि जो व्यक्ति जहाँ कार्य करता है उसे वही से आन्दोलन को वेग देना चाहिए। इससे हम आन्दोलन को अनेक वाधामो से सुरक्षित रख सकेंगे। फिर आचार्यश्री ने उन्हे साधुओ से बातचीत करने को कहा । उनसे काफी देर तक आन्दोलन की गतिविधि का परिचय पा लेने के वाद आचार्यश्री ने उन्हे अपने गाव मे ही कुछ काम करने का परामर्श दिया। आज हम लोग गाव से काफी दूर ठहरे थे । अतः प्रवचन का कार्यक्रम नही रखा गया था । पर थानेदार, पुलिस के जवान, व्यापारी आदि अनेक लोगो से बातें करते-करते काफी रात वीत गई अत आचार्यश्री के लिए तो वह प्रवचन ही हो गया।
SR No.010636
Book TitleJan Jan ke Bich Acharya Shri Tulsi Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta
PublisherMeghraj Sanchiyalal Nahta
Publication Year
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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