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________________ ११५ मुनिश्री नथमलजी ने उक्त विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा-सरकार सत्ता और प्रतिष्ठा का प्रश्न जहा प्रमुख तथा आत्मा का सम्बन्ध गौण रहता है वहा असुरक्षा, भय और अतृप्ति पैदा होती है । यही कारण था जिससे मानव मस्तिष्क मे शस्त्र की कल्पना हुई । शस्त्रों की कल्पना आज विश्व मे पूर्ण विकास पर है । अत आज यह नितान्त अपेक्षित हो गया है कि मनुष्य भौतिकवाद से हटकर अध्यात्मवाद की ओर आये जो कि सुरक्षा, अभय और तृप्ति का हेतु है। ससद सदस्या डा० सुशीला नायर ने कहा-आज का युग विज्ञान का युग है, सत्य की शोध का युग है। पर अहिंसा के अभाव मे यह सभव नहीं होगा । यही कारण है कि मनुष्य आज दयनीय है। ___ चीफ जस्टिस ने अपने अध्यक्षीय भाषण मे कहा-अपने जीवन के इन ६० वर्षों में मैं पढने और पढाने मे ही रहा । यहा भी मैं कुछ बताने नही आया हू, अपितु आचार्यश्री के दर्शन करने तथा उनसे कुछ सुनने समझने को आया हू । आज विज्ञान ने तरक्की की है पर उसका केन्द्र अध्यात्म नहीं है । इसलिए वह वरदान नही बन रहा है । आचार्यश्री एक अध्यात्म पुरुप है। इनके सान्निध्य तथा शिक्षामो से हमारा बडा लाभ होने वाला है। आचार्यश्री कहते हैं—आज मनुष्य की आकाक्षाए बहुत बढ़ गई हैं। एक जीवन ही नहीं अपितु हजारो जीवनो मे भी वे शात नही हो सकती। किन्तु तथ्य यह है कि जब तक आकाक्षाए कम नहीं होगी तब तक जीवन हल्का नहीं बन सकेगा। __ मुनिश्री नगराजजी ने अपना भाव पूर्ण भाषण करते हुए कहाविज्ञान ने दुर्वल मानव को जो सामर्थ्य दिया है उसका उदाहरण प्राचीन इतिहास मे कही नहीं मिलता। आज वह पक्षियो की तरह उडकर आकाश को पार कर देता है तथा मछलियो की तरह तैरकर समुद्र को पार कर
SR No.010636
Book TitleJan Jan ke Bich Acharya Shri Tulsi Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta
PublisherMeghraj Sanchiyalal Nahta
Publication Year
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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