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________________ भी जन-जन को नैतिकता और सदाचार का सदेश सुनाते है। इसीलिए. आपने हजारो मीलो की पद-यात्रा की है। हम भारत की राजधानी में आपका अभिनन्दन करते हैं। आगे उन्होंने कहा-जीवन मे तब तक कोई परिवर्तन नहीं आ सकता जब तक कि हमारा मन नही बदल जाए । इसलिए आवश्यकता है हम अपने मन को बदलने का प्रयास करें। यही वात आज आचार्यश्री विद्यार्थियो से कहने आये हैं। विद्यार्थियो के लिए आचार्यश्री ने पाच प्रतिज्ञाए निर्धारित की हैं। यदि हमारे विद्यार्थी उन्हे अपने जीवन में स्थान देकर चलेंगे तो मुझे आशा है हमारे देश का कायाकल्प हो जाएगा। आचार्यश्री ने विद्यार्थियो को सम्बोधित करते हुए कहा-देश मे आज अनेक समस्याए हैं। उनमे विद्यार्थी वर्ग भी एक समस्या बन गया है। सचमुच यह समस्या समाधान मागती है। इसे किसी भी हालत मे उपेक्षित नहीं किया जा सकता। देश का प्रत्येक विचारक व्यक्ति इसके हल का प्रयत्न करता है। आगे विद्यार्थी के जीवन का चित्र बनाते हुए आचार्यश्री ने कहाविद्या प्राप्त करने का अधिकारी वही है जो विनीत है, नम्र है तथा जिसका जीवन सात्विक और सयमी है। कानून तथा दण्ड-वल विद्यार्थियो को अनुशासित नही बना सकते। विद्यार्थियो की स्वय प्रेरणा ही इस सम्बन्ध मे कुछ फल ला सकती है । वे जब तक आत्मानुशासन नही सीखेंगे तब तक किसी भी सुधार के सफल होने की आशा नही की जा सकती। उन्हे हर परिस्थिति मे आत्मानुशासन को महत्व देना होगा। आज का यह कार्यक्रम अगुव्रत विद्यार्थी अनुशासन दिवस के रूप मे आयोजित किया गया था। इसी प्रकार नगर के लगभग बीस हायर सैकेण्डरी स्कूलों मे साधु-साध्वियो के भाषण हुए थे। हजारो विद्यार्थियो ने इस अवसर पर अणुव्रत प्रतिज्ञाएं ग्रहण की थी।
SR No.010636
Book TitleJan Jan ke Bich Acharya Shri Tulsi Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta
PublisherMeghraj Sanchiyalal Nahta
Publication Year
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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