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________________ २५-१-६० आज रात्रि में दिल्ली के पत्रकारो, साहित्यकारी व नागरिको ने दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी हाल मे आचार्यश्री का अभिनन्दन किया। सर्व प्रथम दिल्ली अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्रीगोपीनाथजी ने एक कविता कहकर आचार्यश्री का अभिनन्दन किया। योजना आयोग के सदस्य श्री श्रीमन्नारायण ने कहा-हमारे देश की आत्मा को सदा सतों ने ही पोषण दिया है। सदियो तक उनके उपदेश नागरिको के कर्ण विवरो मे गूजते रहे हैं। क्योकि उनका जीवन -स्वयं त्याग और सयम की भूमि पर आधारित रहता है । पर उन लोगों का हमारे देश पर कभी प्रभाव नही रहा, जिनका आधार ही अनीति रहा है । आचार्यश्री ने हमे उसी सत-परम्परा से परिचित कराया है । भले ही आपका नाम अखवारो मे नही पाता हो, जन-जन के मानस पर आपका जो नाम उल्लिखित हो गया है वह मिटाया नही जा सकता। ___ मुनिश्री बुद्धमल्लजी ने जो गत दो वर्षों से इसी क्षेत्र मे विहरण कर रहे थे आचार्यश्री का स्वागत करते हुए कहा--आचार्यश्री जो कुछ करते है वह अपने से अधिक औरो के लिए होता है । आप स्वय पैदल चलकर लोगो को सन्मार्ग दिखाते हैं । यह तथ्य इसका स्पष्ट प्रमाण है। प्रजा समाजवादी पार्टी के अध्यक्षश्री मीरमुश्ताक अहमद ने प्राचार्यश्री का स्वागत करते हुए कहा--सतो का जीवन प्रेरणा का अजस्र प्रवाह है। आचार्यश्री के सान्निध्य ने मुझे भी अपना आत्मालोचन करने का
SR No.010636
Book TitleJan Jan ke Bich Acharya Shri Tulsi Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta
PublisherMeghraj Sanchiyalal Nahta
Publication Year
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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