SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 756
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शुद्धिपत्र पृष्ठ ९ भूमिका ११ भूमिका १२ भूमिका नड़े १७ ००० ६० १२१ १२८ १२९ W७ २५२ पंक्ति अशुद्ध नई पाड़ता पडता १५-१६ पालि साहित्य संबंधी लेख पद-संकेत की प्रथम पंक्ति हम इस शब्द-शोधन शब्द-साधन पद-संकेत की अंतिम पंक्ति प्रकृष्टं विदुः प्रकृष्टं प्राकृतं विदुः १७ ऐरिस एरिस २१ मिनयेक मिनयेफ पद-संकेत की पांचवीं पंक्ति पूर्वागात पूर्वागत करिस्ममि करिस्सामि वोझङ्ग बोझङ्ग सम्मोधि सम्बोधि उपसम्पता उपसम्पदा भनन्त भदन्त अनुभव अनुश्रव सवेब सब्वेव अटकथाय अट्ठकथाय पद-संकेत की दूसरी पंक्ति बुद्धकोप पालि-सात्यि पालि-साहित्य धम्मकित्ति महासामि महामंगल (धर्मकीर्ति महास्वामी) पद-संकेत की अंतिम पंक्ति जा तो जातो विसुद्धमम्ग विसुद्धिमग मज्झिम-निकया मज्झिम-निकाय पद-संकेत की पहली पंक्ति विसुद्धिमग्गो विसुद्धिमग्गे विशेप कार्यकर्मज्ञता कायकर्मज्ञता Avm... २७८ ३३० ४८७ ४९७ 2 ४०९ बुद्धघोष ५०४ ५०७ विषय ११
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy