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________________ ( ६२८ ) एकदम इतिहास की सामग्री है, उच्चतम साहित्य है, और गम्भीरतम जीवनदर्शन भी हैं। उनके अन्दर 'प्रियदर्शी' की लोक-कल्याण के लिये छटपटाती हुई आत्मा अभी तक निःश्वास ले रही है और अतीत को जीवन प्रदान कर रही है । राजनीति जीवन से भिन्न नहीं है । बल्कि उसका ही एक अंग है। अशोक ने जो तत्त्व जीवन में देखा है, उसी का अपने राजनैतिक जीवन में अभ्यास किया है, उमी को अपनी प्रजाओं को सिखाया है और उसी को लेखों में अंकित करवाया है । क्या है वह तत्त्व ? यह वही तत्त्व है जिसे स्थविर न्यग्रोध ने उमे प्रथम बार सिखाया,' तयागत ने जिसे अन्तिम बार दुहगया,२ अशोक ने जिमे जीवन भर निभाया--कल्याणकारी कार्यों में अप्रमाद, अनवरत और अनासक्त कर्म-योग का अभ्यास । यही तथागत का वीर्यारम्भ है, अशोक के लेखवद्ध शब्दों में यही "उस्टान'3 (उत्थान) है, यही 'उयम'४ (उद्यम) है, यहीं 'उसह ५ (उत्माह) यही 'पकम' या 'परक्कम' (पराक्रम) है, जिसे सिखाते हुए 'पियदसी धम्मराजा' कभी थकता नहीं । निरालस होकर परोपकार के लिये अदम्य कर्मयोग का अभ्यास हो अशोक के जीवन का मूल दर्शन है, जिसे उसने राजनीति के क्षेत्र में भी प्रयुक्त किया है और उसे धर्म-साधना का अंग बना लिया है। अपने छ १. दीपवंस में कहा गया है कि न्यग्रोध ने अशोक को यह गाथा सुनाई "अप्रमाद अमृत-पद है। प्रमाद मृत्यु का पद है। अप्रमादी अनुष्य मृत्यु को प्राप्त नहीं होते, प्रमादी भनुष्य तो मृत ही है।" धम्मपद के द्वितीय वग्ग की यह प्रथम गाथा है। महावंस ५।६८ के अनुसार भी न्यग्रोध ने अशोक की यही गाथा सुनाई। २. तथागत के अंतिम शब्द ये थे 'अप्रमाद के साथ (जीवन के लक्ष्य को सम्पादन करो" (अप्पमादेन सम्पादेथ--महापरिनिब्बाण-सुत्त--दीघ. २॥३); मिलाइये महासकुलुदायि-सुत --मज्झिम. २॥३॥७---आनापानसति सुत्त मजिम. ३।२।८); अप्पमत्तक वग्ग (अंगुत्तर-निकाय, एक = क निपात) सम्मप्पधानसंयत्त (संयुत्त-निकाय); थपति-सुत्त ( संयुत्त-निकाय) (पधानिय-सुत्त ( अंगुतर निकाय ) आदि, आदि । ३. शिलालेख ६ ४. शिलालेख १३ ५. स्तम्भलेख १ ६. लघु शिलालेख ७. शिलालेख १० ८. इसी को व्यक्त करते हुए उसने अमर शब्दों में कहा है “नास्ति हि कंमतरं
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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