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________________ चरित' पर संस्कृत काव्यों का भी कुछ प्रभाव पड़ा है। चार्ल डुरोयिसिल ने 'जिनचरित' पर अश्वघोष और कालिदास के प्रभाव की बात कही है। उन्होंने 'जिनचरित' और 'महाभारत' की कुछ पंक्तियों की भी तुलना की है। यह सम्भव है कि 'जिनचरित' के रचयिता को संस्कृत काव्यों की जानकारी रही हो और उससे उन्होंने लाभ उठाया हो, किन्तु काव्य-शैली के लिए वे संस्कृत काव्यों के ऋणी नहीं कहे जा सकते। जहाँ तक 'जिनचरित' के स्रोतों का सवाल है. हमें संस्कृत काव्यों की ओर नहीं जाना चाहिए। जैसा डा० लाहा ने कहा है, जातकसाहित्य और सुत्त-निपात के नालक-सुत्त जैसे सुत्तों की गाथाएँ 'जिनचन्ति' के लिए सर्वोत्तम नमूने हो सकते थे।२ इतना ही नहीं, कालिदास के पूर्ववर्ती अश्वघोष को भी इन मोतों से अपने काव्य-शैलो के निर्धारण में पर्याप्त प्रेरणा मिली होगी, ऐसा हम मान सकते है। 'जिनचरित' के विषय और शैली के स्रोत मलतः पालि साहित्य में हैं, संस्कृत साहित्य में नहीं । 'सद्धम्म संगह' और 'गन्धवंस' के वर्णनों के अनुसार 'जिनचरित' के रचयिता का नाम मेधंकर था। मेधंकर नाम के अनेक व्यक्ति सिंहल में हो चुके हैं। प्रस्तुत मेधंकर 'वनरतन मेकर' के नाम से प्रसिद्ध थे । उपर्युक्त स्रोतों के अनुसार बनातन मेधंकर लंकाधिप भुवनेकबाहु प्रथम (१२७७ ई०-१२८८ ई०) के समकालीन थे। टो० डब्ल्यू ० रायम डेविड्म और विन्टरनित्ज़ ने उनके इसी काल को प्रामाणिक माना है। किन्तु गायगर का दूमग मत है । 'गन्धवंस' में मेधंकर का उल्लेख १. उदाहरणतः जिनचरित-कोयं सक्को न खो ब्रह्मा मारो नागो ति आदिना। महाभारत--कोऽयं देवोऽथवा यक्षो गन्धर्वो वा भविष्यति। (वन-पर्व) २. हिस्ट्री ऑव पालि लिटरेचर, जिल्द दूसरी, पृष्ठ ६१५ ३. सद्धम्मसंगह, पृष्ठ ६३ (जर्नल ऑव पालि टैक्स्ट सोसायटी, १८८६) ४. गन्ध वंश, पृष्ठ ६२, ७२ (जर्नल ऑव पालि टैक्स्ट सोसायटी, १८८६) ५. देखिये जर्नल ऑव पालि टैक्स्ट सोसायटी १९०४-०५, पृष्ठ २; विक्रम सिंह केटेलॉग पृष्ठ २१, ३५, ११९ ६. देखिये जर्नल ऑव पालि टैक्स्ट सोसायटी, १९०४-०५, पृष्ठ चार में डा० ___टी० डबल्यू० रायस डेविड्स का नोट ऑन मेघंकर' ७. हिस्ट्री ऑव इन्डियन लिटरेचर, जिल्द दूसरी, पृष्ठ २२४ ३८
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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