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________________ ( ५३४ ) चित्त के साथ उत्पन्न और निरुद्ध होने वाले एवं एक ही विषय (आलम्बन) और इन्द्रिय वाले चित्त के कर्मों को 'अभिधम्मत्थसंगह' में 'चेतसिक' कहा गया है।' इनकी संख्या ५२ है । चेतसिक धर्मों को तीन मुख्य भागों में विभक्त किया गया है, यथा (१) १३ ‘अन्य समान' (२) १४ 'अकुशल' और (३) २५ 'शोभन'२ । फिर इनका भी विश्लेषण किया गया है। जब कोई 'चेतसिक' या चित्तकर्म 'शोभन-चित्त' से युक्त होता है, तब वह 'अशोभन' वे से अन्य होता है, और जब वह 'अशोभन' से युक्त होता है, तब शोभन से अन्य होता है । इसीलिये उसे 'अन्य समान' कहते है । इस ‘अन्य समान' चेतसिक का भी द्विविध विभाजन है, यथा (१) साधारण चेतसिक (२) प्रकीर्ण चेतसिक । साधारण चेतसिक धर्म वे हैं जो सभी चित्नों में साधारण रूप से रहते हैं और ये संख्या में सात है (१) म्पर्श (२) वेदना (३) संज्ञा (४) चेतना (५) एकाग्रता (६) जीवितेन्द्रिय और (७) मनसिकार । प्रकीर्ण चेतसिक धर्म वे है जो केवल जब कभी होने वाले है। ये संख्या में छह हैं यथा (१) वितर्क (२) विचार (३) अधिमोक्ष, (४) वीर्य (५) प्रीति और (६) छन्द (इच्छा) ४ | विषयों को स्पर्श करनेवाले चेतसिक-धर्म को म्पर्श, विषयों के स्वाद भोगने वाले को वेदना, विपयों के स्वभाव को ग्रहण करने वाले को संज्ञा, विषयों में प्रेरणा करने वाले को चेतना, विषय में स्थिर रहने वाले को एकाग्रता, प्राप्त विषयों की मन में रक्षा करनेवाले को 'मनसिकार' कहते है। इसी प्रकार विषय-चिन्तन करनेवाले चेतसिक को वितर्क, उस पर बार बार सोचने वाले को विचार, विषयों में प्रवेश कर निश्चय करने वाले - - - - - - - - - - १. एकुप्पादनिरोधा च एकालम्बनवत्युका । चेतोयुत्ता द्विपञ्चासा धम्मा चेतसिका मता। अभिधम्मत्थ-संगहो, चेतसिक कण्डो। २. तेरसञआसमाना च चुद्दसा कुसला तथा । सोभना पञ्चवीसाति द्विपञ्चास पवुचचरे। अभिधम्मत्थसंगहो, चेतसिक कण्डो। ३. फस्सो वेदना सझा चेतना एकग्गता जीवितिन्द्रियं मनसिकारो चेति सन्ति मे चेतसिका सब्बचित्त-साधारणा नाम। उपर्युक्त के समान ही। ४. वितदको विचारो अधिमोक्खो वीरियं पोति छन्दो चेति छयिमे चेतसिका पकिण्णका नाम । उपर्युक्त के समान हो।
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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