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________________ ६१. अ. जो चेतना की उत्पत्ति के साथ उत्पन्न होने वाले हैं--(चित्त सहभुनो) आ. जो चेतना की उत्पत्ति के साथ उत्पन्न होने वाले नहीं हैं--(नो चित्त सहभुनो) ६२. अ. जो चेतना के परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाते हैं--(चित्तानुपरिवत्तनो) आ. जो चेतना के परिवर्तन के साथ परिवर्तित नही होते--(नो चित्तानुपरिवत्तिनो) ३३. आ. जो चेतना से संयुक्त है और उसी के द्वारा पैदा भी होने वाले है--चित्तसंसट्ठसमुद्राना) आ. जो चेतना से संयुक्त नहीं हैं किन्तु उसके द्वारा पैदा होने वाले हैं--(नो-चित्तसंसट्ठसमुठाना) ६४. अ. जो चेतना से मुक्त है, उसके द्वारा पैदा होने वाले हैं और उसके साथ रहने वाले हैं--- (चित्त-संसट्ठ-समुट्ठान-महभुनो) आ. जो न चेतना से युक्त है न उसके द्वारा पैदा होने वाले हैं और न उसके साथ रहने वाले हैं-- (नो चित्त-संसट्ठ-समुट्ठान-सहभुनो) ६५. अ. जो चेतना से युक्त हैं, उसके द्वारा पैदा किये जाते हैं और उसके परिवर्तन के साथ परिवर्तित हो जाते हैं-- (चित्त-संसट्ठ-समुद्रानानुपरिवत्तिनो) आ. जो न चेतना से युक्त हैं, न उसके द्वार पैदा किये किये जाते हैं और न उसके परिवर्तन के साथ परिवर्तित होते हैं--(नो-चित्त-संसट्ठ-समुट्ठानानुपरिवंत्तिनो) ६६. अ. जो किसी व्यक्ति के अन्दर स्थित हैं--(अज्झत्तिका) आ. जो उसके बाहर स्थित हैं--(वाहिरा) ६७. अ. जो पूर्व-कर्मों के परिणाम-स्वरूप अजित है--(उपादा) आ. जो पूर्व-कर्मों के परिणाम-स्वरूप अर्जित नहीं है--(नो उपादा) ६८. अ. पूर्ववत्-- (उपादिन्ना) आ. " (अनुपादिन्ना) २४
SR No.010624
Book TitlePali Sahitya ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatsinh Upadhyaya
PublisherHindi Sahitya Sammelan Prayag
Publication Year2008
Total Pages760
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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