SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 90
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra भट्टारक संप्रदाय www.kobatirth.org लेखांक १०४ - पट्टावली ५० लेखांक १०३ - पट्टावली तत्पट्टोदयाद्रिदिवाकरायमान- नित्याद्येकांतवाद - प्रथमवचनखंडन प्रवचनरचना डंबर- षड्दर्शनस्थापनाचार्य पट्तर्कचक्रेश्वर श्रीमद्देवेंद्र कीर्तिदेवानां ॥ ( म. ५७ ) सार्थकनामभट्टारकश्रीमद्धर्मचंद्रदेवानां ॥ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लेखांक १०६ - पट्टावली [ १०३ - तत्पट्टोदयदेवगिरिपरमताभिव्यंजनतिमिरनिर्नाशनदिनकरसमानानां धर्मचंद्र लेखांक १०५ - पद्मावती मूर्ति सक १४८७ प्रजापत संवत्सरे श्रीमूलसंघे सरस्वतीगच्छे बलात्कारगणे भ. धर्मचंद्राणाम उपदेशात् ज्ञाति बघेरवाल भुरा गोत्रे सा रतन भार्या पुतली ॥ ( उपर्युक्त ) ( र. सुं. खेडकर, नागपुर ) धर्मभूषण For Private And Personal Use Only तत्पट्टोदयाचलदिवाकरायमानभट्टारक श्रीधर्म भूषणदेवानां ॥ [म. ५७ ] लेखांक १०७ - चंद्रप्रभ मूर्ति सके १५०३ वृषनाम संवत्सरे फागुण सुदि ७ श्रीमूलसंघे बलात्कारगणे भ. धर्मभूषणोपदेशात् बघेरवालज्ञाति ठवला गोत्रे सं. पासुसा ॥ [ अं. गु. मिश्रीकोटकर, नागपुर ] देवेंद्रकीर्ति लेखांक १०८ - नेमिनाथ मूर्ति शके १५०३ वृषनानि संवत्सरे फाल्गुणमासे शुकपक्षे ६ बुधवासरे श्रीमूल संघ सरस्वती गच्छे बलात्कारगणे श्रीकुंदकुंदाचार्यान्वये भ. श्रीधर्म
SR No.010616
Book TitleBhattarak Sampradaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV P Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1958
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy