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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org भट्टारक संप्रदाय २० [ ६४ लेखांक ६४ - ज्ञानयंत्र नरेंद्रसेन शके १६५२ साधारण संवत्सरे भ. श्रीनरिंद्रसेनाज्ञया गोपालजी inter सेनगणे पुष्करगच्छे आश्विनमासे || लेखांक ६६ - नरेंद्रसेन गुरु पूजा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लेखांक ६५ - ( यशोधर चरित - पुष्पदंत ) शके १६५६ मिति आसोज वदि मंगला त्रयोदश्यां बुधवासरे श्रीमूल• संधे सूरस्थगणे पुष्करगच्छे ऋषभ सेनगणधरान्वये पारंपर्यागते भ. श्री १०८ सोमसेन तत्पट्टे भ. जिनसेन तत्पट्टे भ. समंतभद्र तत्पट्टे भ. श्री १०८ छत्रसेन तलोदयादिवर्तमान भ. नरेंद्र सेनैर्लिखितोयं जसोधरचरित्रं श्रीसूरतList आदिनाथचैत्यालये । संवत १७९० ।। ( कळमेश्वर, जिला नागपुर ) लेखांक ६७ - पार्श्वनाथ पूजा श्रीमज्जैनमते पुरंदर श्रीमूलसंघे वरे । श्रीशूरस्थगणे प्रताप साहेते सभूदस्तुते ॥ गच्छे पुष्करनाम के समभवत् श्री सोमसेनो गुरुः । तलट्टे जिनसेन सन्मतिरभूत् धर्मामृतादेशकः ॥ १ तज्जभूद्धि समंतभद्रगुणवत् शास्त्रार्थपारंगतः । तलोदयतर्कशास्त्रकुशलो ध्यानप्रमोदान्वितः ।। सद्विद्यामृतवर्षणैकजलदः श्रीछत्रसेनो गुरुः । तत्पट्टे हि नरेंद्र सेनचरणौ संपूजयेहं मुदा ॥ २ ( म. प्रा. पृ. ७४७ ) For Private And Personal Use Only ( ना. ८७ ) नगर कारंजा सेनगणेसी श्रीमूलसंघ जयो गुणदेसी । मंगलपूरण ज्ञान सुभारी भविजनको बहु संपतिकारी ॥
SR No.010616
Book TitleBhattarak Sampradaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV P Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1958
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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