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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३१६ भट्टारक संप्रदाय ४० यशोधर चरित (वादिचन्द्र) ४९५ शब्दरत्नप्रदीप यशोधर चरित ( सोमकीर्ति) ६५१ शब्दार्णवचन्द्रिका ३९० रत्नत्रय उद्यापन १३५ शान्तिनाथ बृहत्पजा रत्नत्रय कथा ४४९ शान्तिनाथ चरित रत्नत्रय पूजा ६३३ शान्तिनाथ पुराण ६८३ रविव्रत कथा ( अभय पण्डित) ४४ शान्तिनाथ विनती रविव्रत कथा (भानुकीर्ति) २९० शान्तिनाथ स्तोत्र रविव्रत कथा (महतिसागर) १९१ शिखर माहात्म्य रविव्रत कथा (वृषभ) १८१, १८५ / शीलपताका रविव्रत कथा (श्रुतसागर) ४४३ श्रवणद्वादशी कथा ४४८ रविव्रत कथा (सुरेन्द्रकीर्ति) २९६ श्रावकाचार ( वसुनन्दि) २८६ रविव्रत कथा (शानसागर) ७२७ श्रावकाचार (हेमचन्द्र ) ६९३ राखीवन्धन रास ७०४ श्रीपाल आख्यान ४९४ रामटेक छन्द २१७ श्रीपालचरित रामपुराण ३९ श्रुतस्कन्ध कथा १३७, ७०७ रामायण रास ३४४ श्रुतस्कन्ध पूजा लवणांकुश कथा १६७ श्रेणिकचरित्र ( गुणदास) लक्षणपंक्ति कथा ४५३ श्रेणिकचरित्र (जनार्दन ) २०४ लाटीसंहिता ६०६, ५९८ श्रेणिकपृच्छा कर्मविपाक ३८१ वर्धमान नीति ५४३ षट्कर्मोपदेश विजयकीर्ति पूजा ७६२ षट्कर्मोपदेश रत्नमाला २७४ विमलपुराण ६५५ षटवण्डागम विश्वलोचन कोष १६ षडावश्यक ४०६ विषापहार टीका ३६० षड्दर्शनप्रमाणप्रमेयानुप्रवेश ३७२ विषापहार पूजा १५१ षोडशकारण कथा ४५० विषापहार स्तोत्र ७५८ घोडशकारण पुजा (चन्द्रकीर्ति) ७१४ विहरमान तीर्थकर स्तुति ७५० षोडशकारण पूजा (मेरुचन्द्र) ५०१ वीतराग स्तोत्र ६३४ षोडशकारण पूजा (सुमतिसागर) ५१७ वैद्यविनोद ६०२ सगरचरित ५०५ प्रतजयमाला ५२० सप्तपरमस्थान कथा For Private And Personal Use Only
SR No.010616
Book TitleBhattarak Sampradaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV P Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1958
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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