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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra - ३०० ] www.kobatirth.org ७. बलात्कार गण - नागौर शाखा वार जु मंगलवार हस्त नक्षत्र जु परियो रविव्रतकथा सुरेंद्रकीर्ति रचना यह करियो || ९४ . Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लेखांक ३०० - लेखांक २९७ - पट्टावली रत्नकीर्ति संवत् १७४५ वैशाख सुदि ९ रत्नकीर्तिजी गृहस्थ वर्ष ३० दिक्षा वर्ष ४७ पट्ट वर्ष २१ सर्व वर्ष ९८ मास १ दिवस ४ अंतर मास १ दिवस ३ जाति गोधा पट्ट काला डहरा ॥ ११९ [ प्रकाशक- वीरसिंह जैन, इटावा १९०६ ] लेखांक २९८ - पट्टावली विद्यानंद संवत् १७६६ फागुन वदि ४ विद्यानंदजी गृहस्थ वर्ष ११ दिक्षा वर्ष २५ पट्ट वर्ष २ मास ९ अंतर दिवस ४ सर्व वर्ष ३९ मास १ दिवस ३ जाति झाझरी पट्ट रूपनगर ॥ ( ब. १० ) लेखांक २९९ - पट्टावली महेंद्रकीर्ति संवत् १७६९ मगसिर वदि ८ महेंद्रकीर्तिजी गृहस्थ वर्ष ९ दिक्षा वर्ष २८ पट्ट वर्ष ४ मास २ दिवस २८ सर्व वर्ष ४१ अंतर मास २ दिवस २६ जाति झाझरी पट्ट काला डहरा || [ ब. १० ] ( ब. १० ) पट्टावली अनंतकीर्ति संवत् १७७३ फागुन दि ३ अनंतकीर्तिजी गृहस्थ वर्ष १७ दिक्षा वर्ष १७ पट्ट वर्ष २४ मास ४ दिवस १२ सर्व वर्ष ४९ दिवस ३ जाति पाणी पट्ट अजमेर || For Private And Personal Use Only ( ब. १० )
SR No.010616
Book TitleBhattarak Sampradaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV P Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1958
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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