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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - २९३] ७. बलात्कार गण-नागौर शाखा १४ मास ७ दिवस २१ सर्व वर्ष ५९ मास ४ दिवस ३ अंतर दिवस ७ जाति गंगवाल पट्ट नागौर ॥ (व. १०) लेखांक २९० - रविवार व्रत कथा आठ सात सोला के अंग रविदिन कथा रचियो अकलंक । . . 'भावसहित सत सुख लहे भानुकीर्ति मुनिवर जो कहे ॥ २५ ( म. ६६) लेखांक २९१ - पट्टावली श्रीभूषण संवत् १७७५ आश्विन सुदि ३ श्रीभूषणजी गृहस्थ वर्ष १३ दिक्षा वर्ष १५ पट्ट वर्ष ७ पाछै धर्मचंद्रजीनै पट्ट दीयो पाछै १२ वर्ष जीया संवत् १७२४ ताई जाति पाटणी पट्ट नागौर ॥ [च. १०] लेखांक २९२ - पट्टावली धर्मचंद्र ___ संवत १७१२ चैत्र सुदि ११ धर्मचंद्रजी गृहस्थ वर्ष ९ दिक्षा वर्ष २० पट्ट वर्ष १५ सर्व वर्ष ४४ दिवस २४ जाति सेठी पट्ट महरोठ ॥ [ब. १०] लेखांक २९३ - गौतम चरित्र गच्छेशो नेमिचंद्रोखिलकलुहषरोभूद् यशःकीर्तिनामा तत्पट्टे पुण्यमूर्तिर्मुनिनृपतिगणैः सेव्यमानांद्वियुग्मः । श्रीसिद्धांतप्रवेत्ता मदनभटजयी ग्रीष्मसूर्यप्रतापः श्रीमच्छ्रीभानुकीर्तिः प्रशमभरधरो मानस्तोभादिजेता ॥ २६५ सिद्धध्याननुतिप्रणामनिरतः क्रोधादिशैलाशनिः श्रीमच्छूरिगणाधिपो विजयतां श्रीभूषणाख्यो मुनिः ॥ २६६ पट्टे तदीये मुनिधर्मचंद्रोभूच्छीबलात्कारगणे प्रधानः । श्रीमूलसंघे प्रविराजमानः श्रीभारतीगच्छसुदीप्तिभानुः ॥ २६७ For Private And Personal Use Only
SR No.010616
Book TitleBhattarak Sampradaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV P Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1958
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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