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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org लेखांक २७९ ७. बलात्कार गण - नागौर शाखा लेखांक २७७ - पट्टावली संवत् १५८१ श्रावण सुदि ५ भ रत्नकीर्तिजी गृहस्थ वर्ष वर्ष ३१ पट्ट वर्ष २१ मास ८ दिवस १३ अंतर दिवस ५ मास ८ दिवस १८ पट्ट दिल्ली || -- Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ब. १० ) लेखांक २७८ - पट्टावली भुवनकीर्ति संवत् १५८६ माह वदि ३ भुवनकीर्तिजी गृहस्थ वर्ष ११ दीक्षा . वर्ष २६ पट्ट वर्ष ४ मास ९ दिवस २६ अंतर मास २ दिवस ४ सर्व वर्ष ४२ दिवस २१ जाति छावडा पट्ट अजमेर | [ अणुव्रत रत्न प्रदीप ] रत्नकीर्ति ९ दीक्षा सर्व वर्ष ६१ For Private And Personal Use Only ( ब. १० ) सं. १५९५ वर्षे वइसाख खुदि द्वइज सोमवासरे श्रीमूलसंघे सरस्वतीगच्छे बलात्कारगणे श्रीकुंदकुंदाचार्यान्वये भ. श्रीपद्मनंदिदेव तत्पट्टे भ. श्रीशुभचंद्रदेव तत्पट्टे भ. श्रीजिणचंद्रदेव मुनि मंडलाचार्य श्रीरत्नकीर्ति देव तत् सिक्षमुनि मंडलाचार्य श्रीहेमचंद्रदेव द्वितीय सिक्ष मुनि मंडलाचार्य श्रीभुवनकीर्ति देव तत्सिक्ष मुनि पुण्यकीर्ति मेडता सुभस्थानात् राजश्री मालदे राउड राजे खंडेलवालान्वये पाटणीगोत्रे संघभारधुरंधरान् साह दोदा... इदं सात्र अगोत्ररत्नप्रदीपकं लिखावितं कर्मक्षयनिमित || ( भा. ६ प्र. १५५ ) धर्मकीर्ति लेखांक २८० - पट्टावली संवत् १५९० चैत्र वदि ७ भ. धर्मकीर्तिजी गृहस्थ वर्ष १३ दीक्षा वर्ष ३१ पट्ट वर्ष १० मास १ दिवस २० अंतर मास १ दिवस १० सर्व वर्ष ५५ मास १ दिवस ४ जाति सेठी पट्ट अजमेर || ( ब. १० )
SR No.010616
Book TitleBhattarak Sampradaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV P Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1958
Total Pages374
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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