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प्रश्नव्याकरण सूत्र की सूक्तियां
१ कुछ लोग प्रयोजन मे हिंसा करते है, और कुछ लोग विना प्रयोजन भी
हिंसा करते हैं। २ कुछ लोग क्रोध से हिंसा करते हैं, कुछ लोग लोभ से हिंसा करते हैं,
और कुछ लोग अनान से हिंसा करते हैं । ३. हिंसा के कटुफल को भोगे विना छुटकारा नही है ।
४. प्राणवघ (हिसा) चण्ड है, रौद्र है, क्षुद्र है, अनार्य है, करुणारहित है,
कर है, और महाभयकर है।
५ असत्य वचन बोलने से बदनामी होती है, परस्पर वैर बढता है, और
मन मे सक्लेश की वृद्धि होती है ।
६. शरीर का आदि भी है, और अन्त भी है।
७ असत्यभाषी लोग गुणहीन के लिए गुणो का बखान करते है, और
गुणी के वास्तविक गुणो का अपलाप करते है।