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वात कांधलजीरी । कांधलजी काम आयो तै समैरी
कांधळजीरो साथ गाडां सूधो' गांम सेरडै जाय रह्यो । पर्छ हासाररै फोजदार सारंगखांनरो जोर आकरो' हुवो। ताहरां उठे ठहर सगिया नही। ताहरां उठसू गाडा लेनै राजासर आय रह्या । पछै राजासरसू साथ करनै काधळजी दोडिया सु हांसाररो काठो' -सरव मारियो ।' घणो उजाड़ कियो।' उठारा चढिया पछै साहबैरै तळाव आय उतरिया। वासैसू हांसाररो फोजदार सारगखान प्राप' फोज कर आयो । ताहरा इयांनूखबर हुई । ताहरा काधळजी पण चढ साम्हां ऊभा रह्या । 1 चलती लड़ाई कीवी । ताहरां साथ फोजदाररो नजीक अाय लागो। ताहरा घोडैनू खुरी कराई । कांधळजी घोडो खुरी करावता ताहरां सदा तग, पुस्तंग, दुमची, आगबध। तूट जावता, सु तूट गया । ताहरां दीकरा राजो, सूरो, नीबो, बीजो ही साथ. हुतो तैनूं कह्यो कै-'थे फोजरो मुहडो झालो', जितरै हूं तंग सुवार ल्यां18 सु साथ ठहराय न सक्यो । पासैसू कर वध गयौ।19 ताहरां कांधळजी कह्यो-'जावोरे कपूतां ! म्हे तो थानू वाधैरै भरोसै पछवाहीरो कह्यो हुतो, के वाघो सदा ही पछवाई करतो हुतो।' पर्छ कांधळजी वांस ऊभा रहि सारंगखांनसू लडाई कर काम आया। प्रा खबर राव वीकैजीनू हुई । ताहरां चढण लागा। तद सांखलै नापै कह्यो-'रावजी ! जोधैजीनू खबर करण देवो, पछै चढ़ो ।' तद नापो राव जोधै कनै गयो। तद जोधैजी कह्यो-'कांधळरो वैर हूं लेईस ।' तै ऊपर राव जोधो उठसू वडी खेड कर
I सहित। 2 तीन, बहुत अधिक। 3 तव वहा नही ठहर सके। 4 आक्रमण किया। 5 सीमा। 6 लूट-मार की। 7 बहुत नुकसान किया। 8 पीछेसे । 9 स्वय। 10 इनको। II तव काधलजी भी चढ कर के सामने आ कर खडे रहे। 12 निकट । 13 पीछेका तग। 14 घोडे के साजकी चमडेकी पट्टी जो उसकी दुमके नीचे दवी रहती है। 15 श्रागेका बध। 16 बेटे। 17 तुम फौजको आगेसे रोको। 18 जितने में मैं तंग दुरुस्त करलू | 19 पासमे होकर आगे बढ़ गया। 20 फौजका पीछेका भाग। 21 पीछे।