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________________ मुहता नैणसीरी ख्यात ताहरां अरजणजी डेरै आयने कह्यो-'जु म्है म्होटो (बोल) बोलियो छ कहै छै-'रिणकताल पलकेकमे भलो छ जकणरो भलो। भूडो छ जैरो भूडो भूल जाय छ । ताहरा साखलो १ जाळसूरो वास हुतो। ताहरां उदै कहियो-'जी, याद हू करावोस । ताहरा कहियो-'सावास, वडा रजपूत ।' ताहरा कहियो-'सावधान हुवो।' ईयारै प्रा लागी हुतीज । आसोजी दसराहो पूजि अर मुहिम कीधी।' 'ताहरां वडी फोज कर मालदेजी आया हीज । गाम गंगार. प्राय डेरा किया ।' फोज च्यारू ही तर्फ दोड़ो छ । मेडतैगे रैत लोग खसीजै छै । देस मारीजै छ। देस विध्वंसीजै छै ।10 अर अचळो रायमलोत कहै छै-'जु जैमलजी मोनू बोलावै छै, पिण हू विहाणरो दिन अठै बैंठो छू अर जैमलजी घणो गाढ करै छै ।11 अचळा | तू पाव, पण वेगो आव ।' ताहरा अचळे कहाडियो-'जु प्रथीराज जो, अखैराजजीनू बोलावो, जु विहाणरो दिन ऊभौ रहीस । जे म्हातूं मया करो तो भली करो, नही तर सवारै हू जैमलजी भेळो होईस 112 ___ ताहरा ईंया कह्यो-'पैहली जैमलनू मार पछै अचळानू 'मारस्या ।1 अर जो भेळा हूसी तो भेळा हो मारस्या ।16 तरै जैमल कहै छ-'ज रावस्यू अर म्हारी सधै तो भला ।” ईयारै परधान जैतमलरै ऊपर मुदार ।18 अखैराज भादावत, चांदराज जोधावत, भादो ही मोकळरो, जोधो ही मोकळरो, काका-बाबारा।' ईंयारै ____ I मैंने अहकारपूर्ण कहा है। 2 भलेका परिणाम भला और बुरे का दुरा, इस बातको भी पल भर मे भूल जाता है। 3 जालसूका एक साखला इनके यहां रहता था । 4 में याद दिलाळगा। 5 इनको यह खटक गई थी। 6 आश्विनके दशहरा की पूजन करके गेना तैयार की। 7 गगारडे गाव मे पाकर डेरा डाला। 8 मेडतेकी प्रजा भाग रही है। 9 देशमे लूट-पाट की जा रही है। 10 देशका विध्वम किया जा रहा है। Hोर जैमनजी बहुत गर्व कर रहे है । (यहा 'गार'का अर्थ 'मनुहार' या 'खुशामद' होना चाहिंग)। 12 आप हमारे पर कृपा करते है तो विशेष प्रकारसे करिये, नही तो मैं कल मलजीये माय हो डाऊगा। 13 इन्होने। 14 मार करके। 15 मार देंगे। 16 पौर जो मापने हुया तो उसे भी साथ में मार देंगे। 17 रावमे हमारी पट जाय तो प्रच्छी बात है। 18 दारोमदार । 19 काका-बाबाके वराज ।
SR No.010611
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1964
Total Pages304
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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