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________________ ७४] राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर क्रमांक ग्रन्थाङ्क ग्रन्थनाम कर्ता भाषा लिपि- पनसमय संख्या विशेष २६७ २१६ । ४०२ | कातंत्रविभ्रम सटीक टी० गोपाल संस्कृत | १६३४ | | २४३६ | कातंत्रविभ्रमावचूरि चारित्रसिंह , १८वीं श. सं० १६७५ में धवलकपुर में रचित १६१५ कातत्रव्याकरणवृत्ति दुर्गसिंह १५वीं श. ४२ तद्धितपर्यन्त १९२३ | कातंत्रव्याकरणवृत्ति १४५०। ६७ आख्यातप्रक्रियापर्यन्त १६०६ | कातंत्रव्याकरणवृत्ति १७वीं श. २५ कारकखण्डन श्रीमुनि १८४० १५ कारकचक्र वररुचि १७वीं श. ५ कारकतत्वम् शेषचक्रपाणि | १७६२ / ११ पंडित ४३६ कारकपरीक्षा पशुपति २७वीं श. ३५७६ । कारकपरीक्षा पशुपति | " १८वीं श./ महोपाध्याय १६८६ | कारकलक्षण अमर " १७वीं श. १६२ कारकवाद जयराम , १६वीं श ४५८ कारकविभक्ति सं०राज०१६वीं श. ७ गुर्जर | २४८६ कारकविवरण सस्कृत १६वीं श, ४ १६६३ | क्रियारत्नसमुच्चय गुणरत्न "१७वीं श६० किश्चिदपूर्ण ३३ | २६५३ गणदर्पण (फोटोकापी) कुमारपाल- , १५वीं श ३६प्लेट पत्र १,२ अप्राप्त,सं० कारित १३८३ में देवगिरि में लिखित प्रतिकी प्रतिलिपि। ३४ ४५६ / गवाक्शब्दरूपाणि " १८५७ २ मुजनगर मे लिखित ३५ / २६६७ | गीर्वाणपदमंजरी व रद भट्ट !, १७३६ १० आगरा महादुर्ग में लिखित । | जल्पमजरी १८वीं श. १०२४३६ तद्धितपटल सावरि । मू० वंगदास | त्रिपाठ २४२३ तद्धितार्थपद्यानि १६वीं श ३ ३१०२ तिटन्तप्रक्रिया १६वीं श. (सारस्वत ?) १६५५ । दशलकारसारमंजरी सिद्धान्तवागीश १६वींश ३१४२ द्विकमैकविचार ३२ १६वीं श on
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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