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________________ राजस्थान पुगतत्यान्वेपरण मन्दिर - - - - - ममार प्रन्याह प्रन्यनाम फत्तों | भारा | लिपि- पत्र। ममत्र सन्या विशेष __ श्रादित्यहृदयम्नान १८ श्रादित्यहदयन्तोत्र सस्कृत रवी श " ., .. ४८ १६ । भविष्योत्तरपुराणगत। प्रथम पत्र अमान। भविष्योत्तरपुराणगत। ८७ श्रादित्यव्यस्तोत्र १. १ध्वी श. १६२५ ध्वी श 03 No' ५ १ कृष्णगढ मे लिखित ४ ७. यानन्दलहरी स्तोत्र । शङ्कराचार्य । आनन्दलहरी स्तोत्र श्रानन्दलहरी स्तोत्र यानन्दलहरी स्तोत्र श्रापमुद्धारमन्त्रस्तोत्र नया चतुःपष्ट्रियोगिनी न्लोन १९६० यार्याअष्टोत्तरशतक । महामुद्गलभट्ट । नामस्तोत्र न्द्रानीन्तोत्र बार मन्दानीम्तोत्र मन्दानीम्तोत्र इन्द्रानान्नोत्र - १७२६ । भागनगर मे लिखित १८७१ । १ । देवीपुराणगत १६वीं श. ५ },,.१६-२० स्कन्दपुराणगत । १ भाद ३ नन्नयन १. पाहत १७वीं श १३६ वॉ 2. परमनिम्नोन मुमुदनन्द मम्ल १४यीं श.७१-७२ जाएत्रात ५ मा निरनोत्र मामिद्धसेन .. मटी टाकीर्नि .. एका मदिनार टी. पनागन मसत १७३४ १७ ' स. १६५२ में रचित टीका बीकानेर मे लिन्वित। .. र मागितमेन मगत : . * .:: : मममुगट नमन १२ १० ग्रागरा में लिन्दिन । - - - - - - - - - - - - -
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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