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________________ [ २ ] विदेश के विद्वानों, साहित्यकारों और विद्यारसिकों की जानकारी के लिये पुरातत्त्वान्वेपण मन्दिर में समय-समय पर सगृहीत ग्रन्थों के सूचीपत्र की आवश्यकता अनुभव कर हमने मार्च सन् १९५६ ई० तक सगृहीत ४००० ग्रन्थों का सूचीपत्र तैयार करने का कार्य पाटण निवासीप० श्री श्रमृतलाल को सौंपा । उन्होंने ग्रन्थनामादि ग्रन्थ-परिचयपत्रों पर कित किये और उनको विषयवार छांट करके प्रस्तुत किया | तदुपरान्त मन्दिर के प्रवर शोध सहायक श्री गोपलनारायण बहुरा, एम ए. ने मन्दिर के शोध एव सग्रह विभाग के सूचीपत्र - सहायक श्रीलक्ष्मीनारायण गोस्वामी और श्रीविश्वेश्वरदत्त द्विवेदी के सहयोग से परिचयपत्रकों के आधार पर विषयवार सूचियां तैयार कर यथाशक्य शोधनसम्पादन करके विषयवार प्रेस कापियां प्रस्तुत की और श्रीरमानन्द सारस्वत, गवेपक ने ग्रन्थकारनामानुक्रमणिका बनाई । मुझे विशेष प्रसन्नता है कि यह सूचीपत्र अत्र प्रकाशित हो कर विद्वज्जनों के उत्सुक हाथों मे पहुँच रहा है । अनन्तर सहित ग्रन्थों का सूचीपत्र भी प्रेस के लिये लगभग तैयार किया जा चुका है । आशा है कि वह भी शीघ्र ही प्रकाशित हो जावेगा और भविष्य मे सगृहीत होने वाले ग्रन्थों के सूचीपत्र भी यथा समय प्रकाशित होते रहेंगे । हमारी मंगल कामना है कि राजस्थान पुरातत्त्वान्वेपण मन्दिर का ग्रन्थभण्डार उत्तरोत्तर सवर्द्धित होता हुआ विश्व के विद्वज्जनों की अधिकाधिक ज्ञान - वृद्धि करने में समर्थ हो । राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर, जोधपुर | ता १ जनवरी, १६५६ ई० मुनि जिनविजय, समान्य सञ्चालक
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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