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________________ २८४ ] क्रमांक प्रन्थाक ५६४ | १८८२ | पद चतुष्क (४) (११६) पद चतुष्क (४) पद चतुष्क (४) ५६५ १८६० (5) ५६६ १८६० (३७) ५६७ | १८६० पद चतुष्क (१३२) १८६० ५६८ पद चतुष्क (४) (१८२) १८६० पद. चतुष्क (१६७) ५७० | १८८२ पद त्रय (२०) ५७१ १८२ पद त्रय (३) ५६६ प्रन्थनाम (७६) ५७२ | १८८२ | पद त्रय (३) (६) ५७३ | १८५२ पद त्रय (३) (दह) ५७४ १८८२ | पद त्रय (३) (११७) ५७५ १८८२ पढ़ त्रय (३) ५७६ ५७७ - ५७८ BE (१७१) १८८२ | पद त्रय (३) (१७८) १८८२ | पद त्रय (३) (१६७) १८८२ | पद त्रय (३) (२१८) १५८२ | पद त्रय (२२१) राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर लिपि - समय कर्त्ता अग्रदास मीरा अग्रदास सूरकिसोर तुरसीदास कबीर तुलसीदास सूरकिसोर मुरलीदास भाषा 36 " व्र० हि० "" 22 공 व्र० 35 " " व्रज " ब्र. हि. रा. "" व्रहि० व्रज " . " 39 39 " 37 " " " 9 39 99 34 " " "" " 93 "2 93 ,, 23 3 33 29 " A १६वींश ६४ वां " "" 33 पत्र संख्या १८१६ ६३ से ६४ ७-८ ३७-३८ १०५ १०७ १४४ १४६ १५३ १५६ २५-२६ ५०-५१ ५३ वां ५४-५५ ११२ ११५ ११७ १९१८ १२७ १२८ १३८ वां विशेष १३६ वां सवाई जैपुर में लिखित | माधोसिंह राज्ये ठाकुर सौभागसिंहजी लिखापित। Han har de
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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