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________________ २६२ ] राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्थनाम फर्ता लिपि- पत्रसमय | सख्या विशेष | कान्तिविजय उदयरत्न १८वीं श. ३५०८ | नेमराजुलचुनडी नेमराजुलबारमास आदि नेमिगीत ४ स० १७२६ में रचित । हीरकलश , १७वीं श. ४ था अमृत नेमिनाथचंदाइणगीत | भाकड़मुनि नेमिनाथ चोक १६वीं श. ६२-६४) स० १८३६ में रचित । १८२ | नेमिनाथचोवीसचोक अमृतविजय | | १८६३८ । स० १८३४ मे रचित । राविकापुर मे लिखित । २३६८ नेमिनाथजी की वीनति | राज० १६वीं श ४०-४२ ३६३५ नेमिनाथ फाग | नेमिनाथबारमास राजहर्षे रूपचंद रागू० १८वीं श २ । |, १६वीं श. २६-२७, नेमिनाथबारमास देवविजय २७-२८ २८ वा नेमिनाथबारमास कवियण नेमिनाथबारमास विनयविजय नेमिनाथबारमाससवैया स० १७२८ मे रानेर मे रचित। १८७६ | ३४-४६ अजमेर में लिखित । नेमिनाथसावन मनरूप रागू० १६वीं श. ५२-५४ २८६३ नेमिनाथ हीडोलणा | हीरकलश रा०गू० | १६२५ / १११से | पुष्पिका-सं० १६२५ ११४ के आषाढ़ मास में डेहिनयरी में रचित, पीमसर में कर्ता, द्वारा स्वय-लिखित । , १८वीं श. ३ । सं०१७०३ मे रचित । २०३ | ३१६३ | नेमीश्वररागमालामय | मेरुविजय स्तवन
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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