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गजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
प्रन्थनाम
| कर्ता
भापा
लिपि- - पत्रसमय | संख्या।
विशेष
५२३ | ११२४ | साहराउलनीलवणभास | दानसागर
रा०गू०
१६७५
(४)
५२७
५२४ | ३५१२ सिद्धचक्ररास ज्ञानसागर | १६८५ १६ / सूरत में लिखित ।
सवत् १५३१ में
रचना। ५०५ ३०६०
| सिंघासणवत्रीसी जेराजकवि १८७ ७६ | रानेर में लिखित । ५२६ ३५५६ सिहासनबत्तीसीकथा | माधव | रा० १८८७ ७-११३ संवत् १६३३ में (२)
रचित । | २१६८ | सिहासनबत्तीसी कथा | देईदान
संवत् १६३३ में (पद्य)
अकवर के समय में रचित । चित्रकोट समीप गलुड मध्ये लिखित । देवास मालवा में
स. १६३३ में रचना। ५२८ | ३१३४ सिहासनबत्तीसीचोपाई| हीरकलश " १८वीं श १-८५ | रचना सं. १६३२ ।
१) ५२६ | ३४६० सिंहासनबत्तीसीचोपाई " रागू०१७वीं श, १४२ पत्र ७६वां तथा १३६
वां अप्राप्त, सम्बत् १६३६ मे डेहिनयरी
में रचित । | सीतारामचोपाई समयसुन्दर
१२ वलाद्रग्राम में लिखित ।
मेडता में रचित । | १८०८ | सीतारामचोपाई
१७३५ | २०३८ | सीतारामचोपाई
१८वीश ८० प्रथम पत्र प्राप्त ।
मेडता मे रचना। ४३३ | ३६५८ | सीतरामचोपाई
| २ मेडता मे रचित । ३६११ | सुदर्शनचरित्रचोपाई | ब्रह्मऋपि
१८५० १९ अकबराबादमें लिखित ५३५
३६१० सुदर्शनशेटरासकवित्तबंध दीपो ५३६ २०८३ | सुदर्शनशेठशीलप्रबंध चद्रसूरिशिष्य(१)
१५७० ५३७
१३ | रचना सं. १५०१। | १८६० सुदामाचरितरास । ब्रह्मदास न. हि. १८वीं श. १३-२१)
(१४) ५३८
| १८६० सुदामाचरितरास । (१३४)
११५
५७८३
५३४
१८६१
१६
| २०७