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________________ रास २१६ ] ८७५ क्रमांक ग्रन्याङ्क | लिपि- पत्रग्रन्थनाम कर्ता विशेष समय / संख्या ३८६ १८८२ रुक्मणीविवाह | कृष्णदास वहि० १६वीं श. १०८(१६८) १११ ८७२ रुक्मणीहरण (पद्य) १२ रुक्मणीहरण (पद्य) २२१० | रुक्मणीहरण (पद्य) | विजैराज " १६वीं श., ७ पद्य रचना। ३६० / ३५०० / लीलावती चौपाई हेमरतन रा० गू०१७वीं श. १६ सं. १६७३ मे पाली नयर में रचना। ३६१ / ९८७ / लीलावतीसुमतिविलास| उदयरत्न ।” | १८४२ १४ | सं. १७६७ में ऊनारास ऊआ मे रचना। जालियाग्राम मे लिखित। ३६२ / २०५० रासलीलावतीसुमति । १३ सवत् १७६७ मे विलास उनाउया मे रचित । ३६३ | ३२२७/ लीलावतीसुमतिविलास धनपुरनगर में रास लिखित । स. १८६७ में ऊनाऊयाग्राम में रचित । २६४ | ३५१५ लीलावतीसमतिविलास " " १८वीं श १५ / संवत् १७६७ में ऊनाऊआ मे रचित। रास ३४५६ आनंदनिधान मे सोमित वच्छराज चौपाई नयर में लिखित । वसुदेवकुमार चौपाई | सं. १५५७ (१) में वरलासनयरी में रचित । | वस्तुपालतेजपालरास समयसुन्दर । " १६वीं श १६-२३/ तिमरीपुर में रचना। सवत् १६८२। २२१३ | वस्तुपालतेजपालरास १८३८ |४-५ | कालू मे लिखित । स. १६८२ में तिम रीपुर में रचित । २१२४ वासुपूज्य पुण्यप्रकाश सकलचन्द्र १७४१ २६वावतीनगर में रास रचित । २३७४ वासुपूज्य पुण्यप्रकाश १८५७, ४७-६३ बावतीनगर मे (१३) रास रचना। ३८६६ | विक्रमखापराचौपाई अभयसोम | (१७)६७६ सवत १७२३ में सिरोही मे रचित। स.१७ | १८३६
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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