________________
२१४ ]
राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता
| भाषा
लिपि- | पत्रसमय | संख्या
विशेष
३१६ | १००५ | मानतुंग मानवतीरास | मोहनविजय
३१७ २०३७ | मानतुग मानवतीरास
३१८ | २०४६ मानतुंग मानवतीरास |
३१६ | ३२४१ | मानतुंग मानवतीरास |
,
रा०पू० | १८१३ | २६ सं० १७६० अणहि
लपुर पाटण मे रचना दुर्गादासराठोड के
शासनकाल में। , १७६४ , २५ | सं० १७६० में दुर्गा
दास राठोड के शासन मे अणहल्ल पत्तन में रचित । पत्तन मे लिखित । | सं० १७६० में दुर्गादास के शासन मे अणहिल्लपुर पाटण
में रचित । , १६वीं श. ४१ सं० १७५० में दुर्गा
दास राठोड शासित अणहल्लपुर पत्तन
मे रचित । , १८४५ ३५ वडावली मे लिखित
सं०१७६० में दुर्गादास शासित अणह
ल्लपाटण में रचित। " १८८३ | १३-२५ | सं० १७६० में अण
हल्लपुर पाटण में
रचित । , | १७७६ २२
राजनगर में लिखित स० १७६० मे दुर्गादास राठोड शासित अणहलपुर पाटण
में रचित । | " १८७४ १६ | " १७वीं श| ६४-६५
३२० ) ३२६१ मानतुग मानवतीरास
,
३२१ | ३५५४ | मानतुग मानवतीरास
|
"
३२२ | ३६४६ मानतुग मानवतीरास ।
,
३२३ | ३२२२ मामेरू ३२४ २८६३ | मुखवस्त्रिकाविचार
प्रेमानन्द हीरकलश
(२६)
चोण
३२५ | ३६७८ | मुनिपतिचोपाई
धर्ममन्दिर
।
रा०
१८८९
५४ | सं० १७२५ में
पाटण में रचित ।