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________________ , । २०२ ] राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर - - - - ग्रन्थनाम कर्ता | भापा लिपि- पत्रसमय | सख्या विशेष १३६ | ३५३७ | चन्दलेहा चौपाई । मतिकुशल रा.मू. १८३०, २३ | स. १७२८ मे श्रीप चियाक मे रचित । राणपुर मे लिखित । || ३५४० चन्दलेहा चौपाई " वीं श. १३-३६ सवत १७२८ में श्रीपचीयाप में रचित । १४१ २८८४ | चन्दलेहा चौगाई पीपाड में लिखित । सम्बत् १७२८ में श्रीपचियास में रचित । १४२ ३६२६ चन्दलेहा चौपाई " " | १७७७ / १६ प (ख) रवा में लिखित । सम्बत् १७२८ में श्रीपची याक मे रचित । १४३ | ३६७१ चन्दलेहा चौपाई " " १७७४ | १३ | सम्बत् १७२८ मे श्रीपचीयाप मे रचित । १४४ | १८ | चन्द्रलेहा चौपाई हर्णमृति " १७वीं श ५ रचना सं० १५६६ । २२११ चपकवेष्ठिचौपाई समयसुन्दर । १० सं. १६६५ मे जालोर में रचित । ३५७३ | चित्रसभूतचौढालीयो । जीवनराज | " १६वीं श. १३६ वा सं १७४६ विक्रम नेर में रचित । जीर्णप्रति । ३८६६ | चित्रसेनपद्मावती | रामविजय १५ गं १८५६ में बीका चौपाई उपाध्याय १४८६४ | जम्मूपृच्छारास नेर में रचित । वीरमुनि १८८६ सं. १७८८ मे पाटण में रचना। मान१०१० | चम्पूपृच्छारास " , १८१६ कुआ में लिखित । सं. १७२८ पाटण में रचना । भुजनगर में लिखित ।
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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