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________________ राजस्थान पुरातत्यान्वेषण मन्दिर - - - क्रमांक ग्रन्याङ्क ग्रन्थनाम “कर्ता भाषा | लिपि- पत्र समय | संख्या विशेष १५ m. ३८७५ कयवन्नारास गुणसागर । रागू १८वीं श. प्रथम पत्र प्राप्त। २०६२ करगडूचौपाई मतिशेखर "१वीं श | २:८ कर्मविपाकरास वीरचन्दमुनि सं०१७२८ में पाटण में रचित । ८२ | ३८७२ | कलावतीचौपाई रायचन्द | २१८३ | कान्हडकठियाराचौपाई | मानसागर , १८२ विदासर में लिखित। स १७४७ में मतिह मे रचित । | ३५५४ कान्हडकठियाराचौपाई " १६वीं श. ६५-६७ स० १७४७ में पद मावतीनगर मेंरचित । ८५ | ३८७३ कान्दडकठियाराचौपाई " " | १८४१६ वीनातटनगर मे लिखिन ।संब{ १७४१ में पदमावतीनगर में रचित । ८६ | ३८८० | किसनजीरी ढालां राज. २६वीं श. . | १५६४ | कुमारपालप्रवन्धरास हीरकुशल रागू० १७वीं श. १८ रचना सं० १६४० । अझिमपुर मे रचित। ६६३ कुमारपालरास , -१२० १० । स० १६७० वावती में रचना। ३४७०० कृष्णविवाहलो १८वीं श६४४- केशी गौतमसंधि पभ्रंश १३वीं श ४ ११२३ -केशी गौतमसंधि रागू १७वीं श| ७५-७६ -१८६६ | खदकमुनिचौढालीयु २६२३-२७ गुटका। . ३५७५ खंदकमुनिचौढालीयु " २०वी श. ६६-७७ २३७४ खेमासानो रास | लक्ष्म रतन १८५७ | ४३-४७ रा १७४१ उनाउया मैंरचना। ३६२३ गजसुकुमालछटालीयो केशव गजसुकुमालढाल शुभवर्धन (१) ६४७ गजसुकुमालविवाह शुभवर्धनशिष्य १८वा | " या " | १७८०
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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