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________________ १८६ राजस्थान पुरातत्त्रान्वेषण मन्दिर HD कमांक, ग्रन्थाङ्क प्रन्थनाम | भाषा लिपि- पत्रसमय | संख्या | विशेष सं. (८५) २१६२ २८६३ चोवीसगति प्रागति रागू० १७वीं शE-६० विवरण १०१३ जीवविचार सावचूरि | शांतिसूरि प्रा.सं. १७५८ ५ राशीग्राम में लिखित । त्रिपाठ ___७० ज्ञानसार (अष्टकानि) ५६४६ ३२०७ ज्ञानसार यशोविजय.पा " १७६४ ध्याय १०४६ | ज्ञानसार सटीक त्रिपाठ | मू यशोविजय " १८६६ | ६३ ज्ञानमंजरी टीका । टी. देवचन्द्रजी १ से ६१ राधणपुर में लिखित । २८६३ तिथ्याराधनविचार प्रा० १७वीं श. १४८ वा पत्र का अर्ध भाग | नष्ट होने से अस्पष्ट। तीर्थकरभवसंख्या " " ११ वां त्रैलोक्यभवदीपिका (सदारंगशिष्य) रा० गू०१८वीं श. ४ चोपाई दर्शनशुद्धिप्रकरण सटीक मू चंद्रप्रभसूरि प्रासं. २०वीं श| ८४ १८३६ दशपंचक्खाणवर्णन | रामचन्द रा० गू० १६वीं श. ४४-४७ गुटका । (१०) ३५४ दिक्कुमारीवर्णन " १७वीं श. ४ २६६६ / द्विजवदनचपेटा | अश्वघोप | सं० । १८८७ | प्रस्तुतकृतिका द्वितीय भिक्षु नाम बापूची प्रकरण है। ५:४ धर्मबिन्दुवृत्ति | मुनिचंडसूरि " | १७६२ | धर्मरत्न करणवृत्ति देवेन्द्रसूरि । स प्रा १६वीं श ६६ कथात्मक ग्रंथ। नत्रतन्वप्रकरण सस्तबक मू प्रास्त १६वीं श १४ | रा. गू | नवतत्वबालावबोध रागू. १७वीं श. नत्रतत्ववालावबोध मेरुतु गशिव्य " १६.२ अलवरनगर में विचार लिखित। नवरत्ववालावबोध प्रा. वा० १६२१ चित्रकोटनगर में सहित रागू० लिखित । २१२० नवतत्ववालावबोध | स्तभतीर्थ में लिखित। " | १७२०
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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