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________________ क्रमांक ग्रन्थाक ग्रन्थनाम १२७ | ३४३४ | त्रिपुरास्तोत्र सस्तवक १२८ | २३७३ | दक्षिणकालिका कर्पूर(5) स्तोत्र १२६ | २६५७ | दक्षिणकालिकासहस्रनामस्तोत्र १३० | २३७३ | दक्षिणकालिकास्तवराज (१७) १३१ | २७२१ | दक्षिणामूर्तिस्तोत्र १३२ | १४६२ | दत्तमहिम्नस्तोत्र १३३ | २३०६ | देवाधिदेवस्तोत्र (७) १३= | ३१०६ | देवीकवच (१) १३६ ३१६४ | देवीकवच ५४० १४१ २७६७ | देवीक्षमापरावस्तोत्र १४३६ | देवीसूक्त १४२ | २६४६ देवीसूक्त १४३ | २८२३ | देवीसूक्त १४४ | २७६५ | देवीस्तुति १४५ २०६० द्वात्रिंशिका हस्तलिखित ग्रन्थ संग्रह (2) नमस्कारस्तव १४६ | १०४६ १४७ | १९२२ | नवग्रहस्तोत्र (२२) कर्त्ता स्तवककार रूपचन्द्र शङ्कराचार्य १३४ | १०६= | देवा प्रभोस्तव सटीक, मू० जयानन्द त्रिपाठ १३५ १६०८ | देवा प्रभोस्तव सावचूरिक, त्रिपाठ १३६ | २१२२ | देवा प्रभोस्तोत्र सवा लाववोध १३७ - २७८३ | देवी अपराध भंजनस्तोत्र " "" जयानन्द टीका वानपि चंद्रदत्त शङ्कराचार्य सिद्धसेन जिनकीर्ति भाषा संस्कृत " 36 " "" "" ," 36 39 " "" 33 ," "" संस्कृत " " 93 " " लिपि - समय १७६८ མི ༢ ༢ ོ " रचना १८७३ ६७-१०४, कृष्णगढ़ में लिखित १८८६ १६वींश. १५७ १५६ 3 35 १८वीं श १७२६ १८वीं श १ ४ 39 १८६४ १६वीं श 33 „ در " १६२६ १६वीं श १७६१ प्राकृत १६वीं श प्राकृत पत्र संख्या " = स्तबककारके हस्ताक्षरों मे लिखित सं. १७६८ में स्तवक m २ १ २५-२६ १६वीं श. १-१० ४ 20 ४ 20 ७ ३ १४ P ११ १ विशेष ३ २ ३ २ | १५-१६ ७ ] " " बुरहानपुर में लिखित रुद्रयामलगत । अजमेर मे लिखित | अजमेर मे लिखित | कृष्णगढ़ मे लिखित | वरवालाग्राम मे लिखित ।
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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