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________________ .. . ज्योतिष-गणितादि [१११ - - - क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्यनाम ___ कर्ता | भापा लिपिसमय पत्रसंख्या विशेष मुहूर्तमुक्तावली सस्तबक २५४२ मुहूर्तमुक्तावली सस्तबक ३२३५ मुहूर्तमुक्तावली सस्तवक १७८४ मुहूर्तविचार सार्थ मुहूर्तसार सावचूरि पचपाठ ३२६५ मुहूर्तानि २८६३ | मूलनक्षत्रविचार आदि (६४) ४४२ २२०८ | मेघवावनी | मू०सं०१८वीं श. १० स्तरा० मू० सं० १८७३ | १४ अगस्तपुर में लिखित । स्तरा० मू०स० १८६५ ____ ५ राधणपुर में लिखित। स्त०रा० मु०सं० १९वीं श. १६ स्त०रा० सं० १६वीं श. ३ रागु० १७वीं श. १ " १३१ वां मेघराज ४४३ | १७ | मेघमाला ४४४ १७६८ | मेघमालादि रा० १८४६ २ अहिपुर नगर में लिखित रचना सं० १७२३ रागु० १६वीं श. ५ गुटका सं०रा० | " ३३ | ज्योतिष सबन्धी अनेक विचार हैं अंत में कागपरीक्षा है मू०सं० १७८६ २७ पत्र २६ वांभप्राप्त स्त.रागु. | मूल्स०१८वीं श. १५ स्त.रा.गु. हि० १८वीं श. १-११ २५२२ मेघमाला सबस्तक मेघमाला सार्थ ४४६ मेघावलीविचार | यवनजातक सं० | १८२० ३ मांडवी बन्दिर में लिहित। ४४६ १३ ४५० ४५१ यवनजातक यात्राभाव युद्ध वर्षादिविचार पद्य , १४वीं श ६ १८वीं श १ रागु०१७वीं श. १४२ वां (७६) ४५२३७ योगफल सं० १४वीं श १८२३ ३८८१ २ ६८ | मूलका वराह ४५३ । योगयात्राटीका उत्पलभट्ट
SR No.010607
Book TitleHastlikhit Granth Suchi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages337
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size12 MB
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