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________________ - राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्य-संग्रह-सूची ... ग्रन्यनाम' - कर्ता विशेष विवरण प्रादि लिपिसमयमांच्या -namara ... - - -- १ची.श.४०६या उत्तमपद है। नेतजी सारीजी बाल्मीकिजी नायकजी अगदजी ४०६-४०७ 1४०७ (७४) । (६८) नेतजीका पद ३ (६६) सारोजीका पद १ (७०) वाल्मीकिजीका पद ? (७१) नायकजीका पद १ . (७२) अङ्गदजीका पद ४ (७३) भुवनजोका पद ३ (७४) सीहाजीका पद २ (७५) श्रीरङ्गजीका पद १ (७६) दीपजीका पद २ (७७) घाटमदासजीका पद १ (७८) चन्दनदासका पद १ (७६) गोइन्ददासका पद १ (८०) रङ्गीजीका पद २ ४०७..४०८ ४०मयां : | भुवनजी सोहाजी श्रीरङ्गाजी दीपजी घाटमदास चन्दवास गोइन्ददास रोजी ४.६-४०६ ४०६ का पद प्रारा है। दूसरीके टेर भी पूरे नहीं हैं। ४०६वा व्यास कोलजी नापाजी (८१) व्यासजीका पद १ (८२) कोलजीका पद २, साखो २ (८३) नापाजीको पद २१ (८४) परमानन्दजीके पद २१ (८५) सूरजी के पद १६ (६६) जोगेश्वरी शब्दी १५५ (८७) गोरखनाथजीके पद ४३ परमानन्द सूरदास गोरखनाथ ४०६-४१२ ४१२-४१५ ४१५-४१७ ४१७-४२४ ४२४-४३३ - -
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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