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________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची] .... [ ३४ क्रमा विशेप विवरण आदि ग्रन्थनाम कर्ता लिपिसमय पत्रसंख्या (२२) । (१६) स्फुट कवित्त आदि गिरधर कविराय, सवाई ! १८७२ १३-१७ । इसमें सवाई प्रतापसिंहरचित वक्रोक्तिप्रतापसिंह | अलंकारके श्रेष्ठ उदाहरण हैं। (१७) दानलीला . कृष्णदास १-१० (१८) होनहारके कवित्त ६ मानसखी? १०-१३ (१९) मुरलीविहार सवाई प्रतापसिंह १३-२१ रचनाकाल-१८४६ (२०) वर्षाभविष्यसूचक दोहे . २१-२५ २३ । गुटका-कृतियां ६ (१) प्रीतिलता १६०० १-१६ यह गुटका गुरु त्र्यम्बकरामजी धांगध्रा वालोंका । (२) फागरंग १६-३७ है। इसमें ग्रन्थ सुन्दर तिपिमें लिखे हुए हैं परन्तु (३) प्रेमप्रकाश ३७-४६ पत्रोंको फोड़ोंने खाकर छेदयुक्त कर दिये हैं। (४) विरहसलिता . (५) सनेहबहार ५८-६६ (६) मुरलीविहार ६६-७३ (७) रमकझमकबत्तीसी ७३-७८ (८) रासको रेखता ७८-८५ (8) सुहागरनि . २४ गुटका(१) रेखतासंग्रह २१२ रेखता यह गुटका पुजारी श्रीनाथजीसे प्राप्त हुआ। लिपि सुन्दर है। २५ गुटका(१) बजनिधि-मुक्तावली सवाई प्रतापसिंह, बुधप्रकाश, १८७४ रसराशि, किसोरअली, से वंशीअली, हितकारी
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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