SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 52
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची] [ ३२ विशेष विवरण आदि लिपिसमय पत्रसंख्या कर्ता • ग्रस्थनाम कमाल १७१८ 84-१६१ १६१-१६५ | गुरुदेव, स्मरण और चिन्तावरणी। १६५-१७८ १७८-१८० अपूर्ण। १८०-१८६ (२) दादूजीका पद २७ राग ४३४ पद कबीरजीको साखी अंग ३ (४) ध्रवचरित्र २७७ छंद जनगोपाल (५) प्रह्लादेचरित्र (६) गोपीचन्दचरित १४३ छंद खेमदास १७ गुटका-- - - (१) दादूजीकी वाणी (२) दादूजीको साखी (३) दादूजीका पद (४) दादूजन्मलीला-परचई जनगोपाल १८ रसपीयूषनिधि सोमनाथ १-२१३ २१३-३५३ ३५३-४०६ १८२ भरतपुरके महाराजकुमार श्रीप्रतापसिंहफे निमित्त सं. १७६४ में रसपीयूपनिधि नामक ग्रन्थ की रचना की। पंडित फतेसिंहजीके पास तथा किला भरतपुरमें इस ग्रन्यकी प्रतियां देखी थीं। यह प्रति पंडित फतेसिंहजी सूर्यभान वकील भरतपुरवालोंको प्रतिसे जो सं. १८६४की है, उतारी गई। यह किसी प्राचीन पुस्तकको नफल है । भाषा प्राचीन प्राकृत-गुजरातो-डिंगल-मिश्रित । बुध (अव) मालागिरिमध्ये अटू ग्राने मुनि सब(शिव)दास लपीतं सामार्थे । मंडावे में लिया गया। १६ | विक्रमचरित्र (पंचडंडनी कथा) । फयि नरपति .२० । राजनीति-कवित्त प्रावि.. . देवीदास
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy